
चारबाग के सेकेंड एंट्री स्टेशन का निर्माण अंतिम चरण में फोटो सोर्स : Patrika
New Railway Station Charbagh Second Entry: लखनऊ के निवासियों को जल्द ही एक और आधुनिक परिवहन सुविधा मिलने जा रही है। चारबाग रेलवे स्टेशन के आनंद नगर (आलमबाग साइड) पर बन रहा सात मंजिला सेकेंड एंट्री रेलवे स्टेशन इस वर्ष दिसंबर तक बनकर तैयार हो जाएगा। रेलवे भूमि विकास प्राधिकरण (RLDA) द्वारा लगभग 200 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया जा रहा यह नया स्टेशन न सिर्फ यात्री सुविधाओं के मामले में अत्याधुनिक होगा, बल्कि इससे मुख्य चारबाग स्टेशन पर यात्री भार भी काफी हद तक कम हो जाएगा।
उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के मंडल रेल प्रबंधक (DRM) सुनील कुमार वर्मा ने बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यात्रियों और ट्रेनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह निर्णय लिया गया कि चारबाग के मुख्य स्टेशन के द्वितीय प्रवेश द्वार को पूर्ण रूप से विकसित कर एक नया सात मंजिला स्टेशन भवन तैयार किया जाए।
नया स्टेशन भवन तीन मंजिल यात्री सुविधाओं और ट्रेन संचालन के लिए समर्पित रहेगा, जबकि शेष चार मंजिलों का उपयोग वाणिज्यिक गतिविधियों (कॉमर्शियल यूज) के लिए किया जाएगा। यह रेलवे के लिए राजस्व सृजन का एक नया मॉडल साबित हो सकता है, जिससे न केवल बेहतर सुविधा मिलेगी, बल्कि सरकारी आय में भी बढ़ोतरी होगी।
रेलवे द्वारा इस स्टेशन को पूरी तरह दिव्यांगजन-मैत्री भी बनाया जा रहा है, जहां व्हीलचेयर एक्सेस, ब्रेल साइनेज और अन्य सहायता सुविधाएं मौजूद रहेंगी।
वर्तमान में चारबाग रेलवे स्टेशन की अधिकतम यात्री वहन क्षमता लगभग 80,000 यात्री प्रतिदिन है। लेकिन नए सेकेंड इंट्री स्टेशन के चालू होने के बाद यह क्षमता 60,000 और यात्रियों तक बढ़ जाएगी। इसका अर्थ है कि स्टेशन की कुल क्षमता 1.4 लाख यात्रियों प्रतिदिन तक पहुंच सकती है। इससे न सिर्फ मुख्य स्टेशन पर भीड़ का दबाव कम होगा, बल्कि आलमबाग, राजेन्द्र नगर, कृष्णा नगर, आशियाना जैसी बड़ी रिहायशी आबादी वाले क्षेत्रों के लोगों को स्टेशन पहुंचने के लिए अब मुख्य द्वार की ओर नहीं आना पड़ेगा।
यात्रियों की सुविधा के लिए चारबाग रेलवे स्टेशन को चारबाग मेट्रो स्टेशन से सीधे फुट ओवरब्रिज (FOB) के माध्यम से जोड़ा जाएगा। यह ओवरब्रिज रेलवे पार्सल यार्ड से होकर गुजरेगा और यात्री बिना सड़क पार किए सीधे मेट्रो स्टेशन तक पहुंच सकेंगे। इससे इंटरमोडल कनेक्टिविटी को एक नई दिशा मिलेगी। इसके अलावा दुर्गापुरी मेट्रो स्टेशन को पहले ही पूर्वोत्तर रेलवे कार्यालय से जोड़ा जा चुका है, और अब चारबाग स्टेशन को जोड़ने से यात्रियों को एकीकृत यातायात सुविधा का लाभ मिलेगा।
चारबाग रेलवे स्टेशन के मुख्य प्रवेश द्वार पर यात्री सुविधाओं और ट्रैफिक प्रबंधन को बेहतर करने के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं। स्टेशन पर आने और जाने के लिए अब अलग-अलग मार्ग निर्धारित किए जा रहे हैं, जिससे यातायात जाम की स्थिति से बचा जा सके। रेस्ट कैंप कॉलोनी को हटाकर वहां एक नया और विस्तृत प्रवेश द्वार बनाया जाएगा। वाहनों की पार्किंग के लिए भी अलग-अलग ज़ोन निर्धारित किए जा रहे हैं , एक आगमन के लिए और दूसरा प्रस्थान के लिए। इससे ऑटो, टैक्सी, और निजी वाहनों का संचालन अधिक सुव्यवस्थित होगा।
इसके माध्यम से रेलवे अपने रियल एस्टेट संसाधनों का अधिकतम उपयोग कर आय में वृद्धि करेगा, जो आगे चलकर यात्री सुविधाओं के विकास में भी खर्च की जाएगी।
यह स्टेशन लखनऊ के लिए एक "मिनी एयरपोर्ट" की तरह काम करेगा। यात्रियों को ट्रेन पकड़ने का अनुभव अब और भी बेहतर, सुविधाजनक और डिजिटल होने वाला है। सभी बुकिंग, सूचना और दिशा-निर्देशन बोर्ड डिजिटल होंगे। सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे, बायोमेट्रिक स्कैनिंग और ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीनें लगाई जाएंगी।
स्थानीय निवासी और व्यापारी इस परियोजना को लखनऊ के ट्रैफिक और पर्यटन दोनों के लिए बेहद लाभकारी मान रहे हैं। आलमबाग, अलीगंज, नाका, अमीनाबाद जैसे इलाकों से आने वाले लोगों को अब मुख्य स्टेशन तक जाने की ज़रूरत नहीं होगी। वहीं स्टेशन के आसपास का क्षेत्र एक व्यापारिक हब के रूप में विकसित हो सकता है।
चारबाग सेकेंड इंट्री स्टेशन का सात मंजिला भवन लखनऊ के रेलवे नेटवर्क में एक नया अध्याय जोड़ेगा। इससे यात्री सुविधाओं, ट्रैफिक प्रबंधन और रेलवे की राजस्व क्षमता – तीनों में ही गुणात्मक सुधार आएगा। दिसंबर 2025 तक इसके पूरा हो जाने के बाद यह स्टेशन न केवल एक इन्फ्रास्ट्रक्चर की मिसाल बनेगा, बल्कि लखनऊ के विकास मॉडल का एक प्रमुख स्तंभ भी सिद्ध होगा।
Published on:
26 Jun 2025 10:43 pm
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