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उत्तर प्रदेश में कम हुई कोरोना की रफ्तार, अब गावों में भी सुधर रहे हालात

locationलखनऊPublished: May 20, 2021 06:29:01 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

Patrika Positive News- कोरोना महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहे उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों का हाल…

UP villages coronavirus ground report

प्रदेश में पॉजिविटी रेट घटकर 2.6 फीसदी रह गई, जो कोरोना पीक के समय लगभग 22 फीसदी थी

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. patrika positive news . त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद से ही यूपी के गांवों में कोरोना संक्रमण (Corona Pandemic) तेजी से फैला। एकाएक बढ़े मरीजों की संख्या से ग्रामीण क्षेत्र की स्वास्थ्य-व्यवस्था चरमरा गई। हर तरफ से बदहाली की खबरें आने लगीं। दिन-ब-दिन स्थिति भयावह होती रही। इस बाबत इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा, ‘गांवों की स्वास्थ्य-व्यवस्था राम भरोसे है’। लेकिन, अब गांवों की हालत सुधर रही है। प्रदेश के ज्यादातर गांवों में बीमारों की संख्या 25 फीसदी तक रह गई है, जबकि 10 दिन पहले तक यह 75 फीसदी तक थी। इसकी वजह आम लोगों में जागरूकता और सरकार के प्रयास हैं। जरा सा बीमार होने पर लोग खुद ही इलाज कराने लगे। वहीं, कोरोना कर्फ्यू, वैक्सीनेशन और ग्राम निगरानी समितियों की सक्रियता का भी असर पड़ा। गांव हो या शहर सभी जगह कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम हुई है। प्रदेश में पॉजिविटी रेट घटकर 2.6 फीसदी रह गई, जो कोरोना पीक के समय लगभग 22 फीसदी थी। हालांकि, मृत्यु दर कम न होना चिंता का सबब बना है।
योगी सरकार (Yogi Adityanath) का दावा है कि प्रदेश के 64 फीसदी गांव में कोरोना संक्रमण से मुक्त हैं। बताया कि प्रदेश के 90 हजार गांव में से 62 हजार गांवों में कोरोना संक्रमण नहीं मिला है। इसकी वजह सरकार की ट्रिपल टी (टेस्टिंग, ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट) रणनीति और ग्राम निगरानी समितियों की सक्रियता है। सरकार की तरफ से बताया गया है कि यूपी में 74 हजार से ज्यादा निगरानी समितियां गांव-गांव जाकर संक्रमितों की पहचान कर रही हैं। इन समितियों में आशा, आंगनबाड़ी और एनएनएम कर्मचारियों को शामिल किया जाता है। यह लोग संदिग्ध मामलों को पहचानने, जांच को बढ़ाने और इलाज उपलब्ध करवाने का काम करते हैं। इन कमेटियों को ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर भी दिए गए हैं।
मिर्जापुर : तेजी से घटी संक्रमितों की संख्या
मिर्जापुर (Mirzapur) में अब सिर्फ 29 कोरोना संक्रमित मरीज हैं। अब तक कुल 90 लोगों की मौत हुई है। ग्रामीण इलाकों पहले से हालात बेहतर हुए हैं, पर अभी भी बुखार और सर्दी, खांसी के मरीजों की संख्या अधिक है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार जांच की जा रही है और दवाइयां भी मिल रही है। हालांकि, सीडीओ के आदेश के बाद भी कई गांवों में सेनेटाइज का कार्य नहीं हो रहा है।
मेरठ : 90 फीसदी गांव में लोग बीमार
मेरठ (Meerut) में कोरोना की स्थिति संतोषजनक नहीं कहीं जा सकती। जिले के कुल 479 में से करीब 90 फीसदी गांव खांसी-बुखार से पीड़ित हैं। पंचायत चुनाव के बाद से ग्रामीण इलाकों में अब तक 80 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ विभाग की ओर से एंटीजन जांच के साथ-साथ दवाइयों की किट भी दी जा रही है। सेनेटाइजेशन का भी काम चल रहा है।
उन्नाव-हरदोई : गांवों की स्थिति पहले से बेहतर
उन्नाव (Unnao) में 641 सक्रिय केस हैं। अब तक 184 लोगों की मौत हुई है। गांवों में सर्दी-बुखार के मरीजों की संख्या कम हुई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सेनेटाइजेशन, एंटीजन टेस्ट और दवाइयां दी जा रही हैं। ऐसा ही हाल हरदोई जिले का भी यहां के गांवों में बीमारों की संख्या में तेजी से कमी आई है।
कानपुर देहात : 10 फीसदी गांव में लोग सर्दी-बुखार से पीड़ित
कानपुर देहात (Kanpur Dehat) कोरोना के 353 एक्टिव मरीज हैं। जनपद के सिर्फ 10 फीसदी गांव में ही लोग बुखार-सर्दी से पीड़ित हैं। दवाइयों की व्यवस्था दुरुस्त है। लगातार जांच हो रही हैं। हालांकि, लोग जांच कराने कम पहुंच रहे हैं। कुछ गांवों में सेनेटाइजेशन कराया जा रहा है।
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सुलतानपुर : अभी नहीं शुरू हुआ सेनेटाइजेशन का काम
सुलतानपुर (Sultanpur) जिले में अब 114 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। जिले के तकरीबन सभी गांवों में लोग सर्दी-जुकाम से पीड़ित हैं, लेकिन यह संख्या तेजी से कम हुई है। जांच और दवाइयों का वितरण हो रहा है, लेकिन सेनेटाइजेशन का काम अभी शुरू नहीं हो सका है।
गाजीपुर : कोरोना के 1422 एक्टिव केस
गाजीपुर (Ghazipur) जिले में कोरोना के 1422 एक्टिव केस हैं। अब तक 237 मरीजों की मौत हो चुकी है। जनपद के तकरीब 80 फीसदी गांवों में लोग सर्दी, जुकाम, बुखार से पीड़ित हैं लेकिन, मरीजों की संख्या कम हुई है। जांच और दवाइयों के वितरण के साथ सेनेटाइजेशन का काम किया जा रहा है।
आजमगढ़ : 35 फीसदी लोग सर्दी-जुकाम और बुखार से पीड़ित
आजमगढ़ (Azamgarh) जिले की 1887 ग्राम पंचायतों में 35 प्रतिशत से अधिक लोग सर्दी-जुकाम अथवा बुखार से पीड़ित हैं। 10 दिनों पहले यह आंकड़ा 75 फीसदी तक था। स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच के साथ दवाइयां भी वितरित कर रही है। सेनेटाइजेशन भी किया जा रहा है।
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जिम्मेदार बोले
1. शहरों और कस्बों में ज्यादा से ज्यादा आरटी-पीसीआर टेस्ट के साथ ही सैनिटाइजेशन अभियान भी चलाया जा रहा है।- नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव (यूपी) सूचना

2. गांवों में जांच और सेनेटाइजन किया जा रहा है। दवाओं भी निःशुल्क वितरित की जा रही हैं।- प्रवीण कुमार लक्षकार, जिलाधिकारी, मिर्जापुर

3. निगरानी समितियों को एक्टिव कर दिया गया है, जिसका सकारात्मक परिणाम भी दिखने लगा है।- अतुल वत्स, सीडीओ, सुलतानपुर
4. ग्रामीण क्षेत्र में टीमें लगाई गयी है। सर्दी जुकाम की शिकायत पर भी दवा दी जा रही है।- डॉ. एके मिश्र, मुख्य चिकित्साधिकारी, आजमगढ़

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बीमारी को लेकर क्या बोले लोग
सुलतानपुर : जिले में विकास खण्ड भदैया के ग्राम लोदीपुर के आत्माराम बताते हैं कि गांव में करीब-करीब सभी घरों के एक-दो सदस्यों को सर्दी, जुकाम, बुखार और खांसी की शिकायत थी, लेकिन अब पिछले एक हप्ते से इस बीमारी के मरीजों में काफी कमी आई है। कुड़वार ब्लॉक के सरकौड़ा गांव के निवासी सूर्यप्रकाश ने बताया कि एक हप्ते पहले हर में बुखार, खांसी और सर्दी के मरीज मिल जाते, लेकिन अब मरीजों की संख्या में अप्रत्याशित कमी आई है।
उन्नाव : जिले के सिकंदरपुर सरोसी विकासखंड के गांव शंकरपुर सराय निवासी मोनू त्रिवेदी ने बताया कि अब उनके गांव की स्थिति ठीक है। सर्दी खांसी बुखार के अभी भी मरीज हैं लेकिन काफी कम हैं। हिलौली विकास खंड के गांव खजुहा गांव निवासी श्रीमती ने बताया कि एक हफ्ता पूर्व बड़ी संख्या में सर्दी, खांसी के मरीज थे। लेकिन अब ज्यादा नहीं है।
हरदोई : जिले कोथावां ब्लाक के एक गांव के झोलाछाप डॉक्टर ने बताया कि 10 दिन पहले तक उनके पास सैकड़ों की संख्या में सर्दी, जुकाम और बुखार से पीड़ित मरीज आ रहे थे। अब यह संख्या, 5-10 ही रह गई है। वहीं अयोध्या जिले के कटरा निवासी रामचंद्र कहते हैं कि अब गांवों में सब ठीक है। इक्का-दुक्का लोग ही बीमार हैं।
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