
महाराष्ट्र के खाते में 52 हजार घर, आखिर म्हाडा को कैसे मिलेंगे मकान ?
रोहित के. तिवारी
मुंबई. म्हाडा अब मुंबई में लोगों को किफायती आवास नहीं दे सकती है, लेकिन मुंबई के समीप पालघर, ठाणे और रायगढ़ समेत कोंकण क्षेत्र में किफायती घर बनाने के लिए मोटी और अभिनव योजना आने वाली है। इसके तहत म्हाडा के कोंकण बोर्ड ने वसई में एक छोटा शहर स्थापित करने की योजना बनाई है, जो आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है, जिसके तहत 52 हजार घरों की योजना है और इसमें 50 प्रतिशत के तहत 25 हजार घर छोटे, कम आय वाले समूहों के लिए उपलब्ध होंगे। वसई के राजोली में 125 एकड़ भूमि पर निजी-सार्वजनिक भागीदारी (पीपीपी) के माध्यम से कार्यान्वित की गई है। इस प्रमुख परियोजना के लिए अंतिम स्वीकृति मिलते ही परियोजना को लागू कर दिया जाएगा। इसी तरह प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत कल्याण, भंडार्ली, खोणी और अन्य हिस्सों में घरों का निर्माण किया जाएगा। हालांकि म्हाडा के इस अनोखे रवैये से जो लोग मुख्य मुंबई में घर नहीं बना सकते थे, वे मुंबई के पास घर ले कर अपने सपने को पूरा कर सकते हैं।
ज्यादा कार्पेट एरिया होगा उपलब्ध...
विदित हो कि जब एक ओर मुंबई में अपना घर का सपना देखने वाले मुंबईवासी पूरी तरह से निराश हैं, वहीं दूसरी ओर कोंकण क्षेत्र में आवास के लिए बहुत बड़ा अवसर है। पीएमएवाई और प्राइवेट-पब्लिक पार्टनरशिप (पीपीपी) जैसी विभिन्न सरकारी योजनाओं के आधार पर आवास पर जोर दिया जा रहा है। इसी के तरह कोंकण बोर्ड ने राजौली, वसई में 52 हजार घरों की एक योजना शुरू की है। परियोजना विशेष रूप से निजी भूमि पर आधारित होगी और म्हाडा की भागीदारी के साथ, अधिक भूमि क्षेत्र और सुविधाओं के साथ निर्माण किया जा रहा है। आम तौर पर इस भूमि के विकास के लिए ऐसा एक कार्पेट एरिया उपलब्ध है। यदि म्हाडा को योजना में शामिल किया जाता है तो एक के बजाय डेढ़ चटाई क्षेत्र प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त है।
घर मिलने में होगी आसानी...
उल्लेखनीय है कि राजौली में लगभग 125 एकड़ जमीन पर प्रस्तावित परियोजना में म्हाडा भी शामिल है, जिससे तहत करीब 52 हजार घर होने का अनुमान है। उनमें से 25 हजार घर म्हाडा के कोंकण सर्कल में एक छोटे और कम आय वर्ग के लिए होंगे। इन घरों को लॉटरी के आधार पर वितरित किया जाएगा। जबकि मुंबई बोर्ड ऑफ़ म्हाडा गोरेगांव के मोतीलालनगर में 40 हजार घरों के लिए एक योजना लागू कर रहा है, जबकि कोंकण बोर्ड ने भी वसई में एक आवास परियोजना की योजना बनाई है। इससे लोगों को उनका अपना घर मिलने में आसानी होगी।
पीएमएवाई के घर...
शिरोधन (कल्याण) - 9,421, खालापुर (वासरन) -5,010, खोणी (कल्याण) - 4 हजार, रत्नागिरी (नाचणे) - 732, खोपोली -560, चिपलून (रावतले) - 418, दापोली (जोगने) -280 और ठाणे (मीरा रोड) - 198। वहीं भंडार्ली, गोठघर, वांगनी, बदलापुर, लांजा, सावंतवाड़ी, सिंधुदुर्ग जैसे प्रस्तावित घर मंजूर करने के लिए 30 हजार घर होंगे। पीपीपी योजना से प्रस्तावित होने वाले घरों का निर्माण बदलापुर (जेवेली) -1,039, कल्याण (म्हारल) -1,770 और टिटवाला -912 घर होंगे।
मुंबई में घर बनाना बड़ी चुनौती...
म्हाडा पूरे महाराष्ट्र में आम लोगों के लिए किफायती घर बनाने के लिए काम कर रही है। म्हाडा के पास हर जिले की तरह एक डिवीजन है और यह कोंकण के लिए एक स्वतंत्र बोर्ड है। इस कोंकण बोर्ड का अधिकार क्षेत्र ठाणे पालघर से सिंधुदुर्ग तक है। इस कोंकण सर्कल में पूरे कोंकण और ठाणे, मीरारोड, वसई, विरार के साथ कवर किया गया है। वहीं देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में दिनों दिन जनसंख्या बढ़ रही है, जबकि शहर और मुंबई में घर बनाना एक बड़ी चुनौती रही है।
80 प्रतिशत काम पूरा...
कोंकण बोर्ड ने पीएमएवाई योजना के तहत महानगरीय क्षेत्र में सैकड़ों घर तैयार किए गए हैं। लगभग 24,000 घर निर्माणाधीन हैं, जिनका करीब 80 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। वहीं इन घरों को 2022 तक देने की योजना है। म्हाडा ठाणे, पालघर और रायगढ़ जिले मुंबई के पास हैं और कोंकण में बड़े पैमाने पर आवास योजना लागू है।
- बालासाहेब पाटील - अध्यक्ष, म्हाडा कोंकण बोर्ड
Published on:
20 Sept 2019 11:15 am
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