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मेरे भाई की शहादत बेकार मत करो’, पहलगाम हमले के पीड़ित परिवार ने किए सरकार से सवाल

Asia Cup 2025: पहलगाम आतंकी हमले में अपने परिजन खो चुके परिवारों ने एशिया कप 2025 के तहत भारत-पाकिस्तान मैच का विरोध करते हुए कहा, उनकी शहादत का अपमान हो रहा है।

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भारत

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Devika Chatraj

Sep 14, 2025

Pahalgam Attack

इंडिया पाकिस्तान मैच से पहले पहलगाम हमले के पीड़ित परिवार का छलका दर्द (ANI)

India Pakistan Match: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam Attack) में अप्रैल महीने हुए खौफनाक आतंकी हमले के घाव अभी भी ताजा हैं, लेकिन अब पीड़ित परिवारों का गुस्सा भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच (India Pakistan Match) के आयोजन पर फूट पड़ा है। हमले में अपने परिजनों को खो चुके परिवारों ने सरकार से कड़े सवाल पूछे हैं। एक पीड़ित ने भावुक होकर कहा, "मेरे भाई की शहादत बेकार मत करो।" यह बयान एशिया कप 2025 के तहत शनिवार को होने वाले भारत-पाकिस्तान मुकाबले के संदर्भ में आया है, जिसे परिवार 'पीड़ितों के जख्मों पर नमक छिड़कने' जैसा बता रहे हैं।

आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत

पहलगाम के बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को हुए इस आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें पर्यटक, स्थानीय निवासी और सुरक्षा कर्मी शामिल थे। हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था, लेकिन पीड़ित परिवारों का आरोप है कि यह अभियान अधूरा रह गया। हमले में अपने 16 वर्षीय भाई और पिता को खो चुके सावन परमार ने कहा, "अगर सच में मैच खेलना है तो पहले मेरा भाई वापस लाकर दिखाइए, जिसे आतंकियों ने गोलियों से छलनी कर दिया था। ऑपरेशन सिंदूर पूरा नहीं हुआ तो पाकिस्तान के साथ संबंध क्यों बनाए रखें? यह सब बेकार लगता है।"

पाकिस्तान के साथ कोई रिश्ता नहीं होना चाहिए

सावन परमार, जो अब अपने परिवार की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, ने भावुक होकर कहा, "पाकिस्तान आतंकी देश है, उसके साथ किसी भी तरह का व्यवहार नहीं होना चाहिए। अगर मैच खेलना ही है तो मेरा 16 साल का भाई सुमित, जो पहलगाम में शहीद हुआ, उसे लौटा दो।" उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा, "सरकार ने इतना बड़ा कदम उठाया, लेकिन अब मैच खेलना तो उसे व्यर्थ साबित कर रहा है। हमारे जख्म अभी ताजा हैं।"

मैच को लेकर खड़े किए सवाल

इसी तरह, हमले में पति और बेटे को खो चुकी किरण यतीश परमार ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "हमारे अपनों की शहादत का क्या? क्या आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा सिर्फ दिखावा था? पाकिस्तान को वैध वीजा रद्द करने का फैसला लिया गया था, लेकिन अब क्रिकेट मैच खेलना क्या संदेश दे रहा है?" परिवारों का कहना है कि यह मैच न सिर्फ उनकी पीड़ा को बढ़ा रहा है, बल्कि देश की सुरक्षा नीतियों पर भी सवाल खड़े कर रहा है।

मैच के विरोध में विपक्ष

विपक्षी दलों और पूर्व क्रिकेटरों ने भी इस मैच का विरोध किया है, लेकिन पीड़ित परिवारों की आवाज सबसे ज्यादा भावुक और दर्द भरी है। एक अन्य पीड़ित परिवार के सदस्य, जिन्होंने अपना नाम गोपनीय रखा, ने बताया कि हमले के बाद से वे न्याय की प्रतीक्षा में हैं। "सुरक्षा इंतजामों पर सवाल उठे थे, सर्वदलीय बैठक हुई थी, लेकिन ठोस कार्रवाई कहां हुई? सुप्रीम कोर्ट ने जांच याचिका खारिज कर दी, लेकिन हमारा दर्द कौन सुनेगा?"

सरकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं

सरकार की ओर से अभी तक इस विवाद पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। एशिया कप मैच दुबई में खेला जाना है, और सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह मुकाबला कूटनीतिक स्तर पर भी महत्वपूर्ण है। हालांकि, पीड़ित परिवारों का संदेश साफ है: "शहादत का अपमान मत करो। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को मजबूत बनाओ, न कि खेल के बहाने दुश्मन से हाथ मिलाओ।"

#OperationSindoorमें अब तक