
दिल्ली ब्लास्ट में एक और बड़ा खुलासा। (फोटो- IANS)
दिल्ली में लाल किले के पास कार में हुए जोरदार धमाके के बाद जांचकर्ता जैश-ए-मोहम्मद की असली मंशा का पर्दाफाश करने में जुटे हैं।
इस बीच, धमाके की आरोपी 'मैडम सर्जन' यानी कि डॉ शाहीन शाहिद की डायरी से एक और बड़ा खुलासा हुआ है। उसकी डायरी से 'D6 मिशन' के बारे पता चला है। जो बाबरी मस्जिद को ढ़ाहने का बदला लेने के लिए बनाया गया था।
जांचकर्ताओं ने बताया कि 'D6 मिशन' के तहत जैश के आतंकियों ने देश के छह शहरों को दहलाने की साजिश रची थी। जांचकर्ताओं ने इस मामले में फरीदाबाद से गिरफ्तार शाहीन को एक महत्वपूर्ण एसेट बताया है।
जब्त डिजिटल एविडेंस, डायरी और कुछ नोट्स से यह भी पता चला है कि बाबरी मस्जिद को ढ़ाहने का बदला लेने के लिए 6 दिसंबर को विभिन्न शहरों में हमला करने की तैयारी थी।
दस्तावेजों में डी-6 मिशन के अलावा टारगेट लिस्ट, भर्ती प्रस्ताव, पैसों का अरेंजमेंट और सुरक्षित संचार प्रोटोकॉल का भी विस्तार से जिक्र है।
जांच में खुलासा हुआ है कि जैश-ए-मोहम्मद ने हवाला चैनल के जरिए उमर, मुजम्मिल और शाहीन को 20 लाख रुपये भेजे थे, जिसका इस्तेमाल भर्ती, सुरक्षित आवास, सुरक्षित फोन और रेकी कार्यों के लिए किया जाना था।
अब जांच एजेंसियों ने शाहीन की वित्तीय गतिविधियों का ऑडिट शुरू कर दिया है। उसके कानपुर के तीन बैंक खातों, लखनऊ के दो खातों और दिल्ली के दो खातों में पैसों मनी ट्रांसफर, नकद निकासी और जमा किए गए पैसों की जांच चल रही है।
टीमें कानपुर में शाहीन की गतिविधियों की भी जांच कर रही हैं। खासकर जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में, जहां पहले वह काम करती थी। अधिकारी प्रवेश लॉग, ड्यूटी रोस्टर, आगंतुक सूचियां और जनवरी से अक्टूबर 2025 के बीच उसके ठहरने के स्थानों का विवरण एकत्र कर रहे हैं।
शाहीन के साथ कॉलेज में काम करने वालों ने बताया कि वह शायद ही कभी छुट्टी लेती थी, अपने छोटे बच्चे को ड्यूटी पर लाती थीं क्योंकि घर पर कोई नहीं रहता था। साथ ही अपने तलाक के बारे में बात करने से बचती थी।
वह कॉलेज के एल-ब्लॉक परिसर में रहती थी, महिला सहकर्मियों के साथ उसके संबंध अच्छे थे। दिसंबर 2013 में विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारियां सौंपने के बाद वह अचानक गायब हो गई। उसने 4 जनवरी 2014 तक लौटने का वादा किया था। लेकिन वह कभी नहीं लौटी।
लगभग एक साल तक, आधिकारिक पत्रों का कोई जवाब नहीं मिला। 2016 में, दो कर्मचारियों ने उनके पंजीकृत पते पर जो पत्र भेजे, वे गलत पाए गए। 2021 में उसे औपचारिक रूप से बर्खास्त कर दिया गया।
जांच में यह भी पता चला है कि दिल्ली ब्लास्ट के आरोपी मार्च 2022 में तुर्की गए थे, जहां उन्होंने जैश-ए-मोहम्मद के हैंडलर्स से मुलाकात की थी। तुर्की में ही 6 दिसंबर को भारत में आतंकी हमला करने की साजिश रची गई थी।
Published on:
17 Nov 2025 08:47 am
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