29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ऑपरेशन सिंदूर पर रोक के बाद भी पाकिस्तान को ‘सबक’ सिखाना नहीं छोड़ेगा भारत

भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए दो बड़े फैसले लिए हैं। पहला, एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को विभिन्न देशों में भेजा जाएगा ताकि पाकिस्तान की असलियत को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उजागर किया जा सके। दूसरा, आर्थिक मोर्चे पर सख्ती बढ़ाते हुए थर्ड पार्टी देशों के जरिए भारत आने वाले पाकिस्तानी माल की कड़ी निगरानी शुरू कर दी गई है।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Siddharth Rai

May 17, 2025

भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए दो बड़े फैसले लिए हैं।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी भारत सरकार पाकिस्तान को 'सबक' सिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। भारत सरकार अब पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर घेरने की तैयारी में है। 22 से 30 मई के बीच भारत यूरोप और मिडिल ईस्ट के प्रमुख देशों में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजेगा, जो पाकिस्तान की आतंक समर्थक नीतियों को उजागर करेगा। सूत्रों के अनुसार, इस प्रतिनिधिमंडल में सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों के सांसद शामिल होंगे। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू विपक्षी नेताओं से इस अभियान में शामिल होने के लिए संपर्क कर रहे हैं। संभावित प्रतिनिधियों में शशि थरूर, मनीष तिवारी, असदुद्दीन ओवैसी और सुप्रिया सुले जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हैं।

वैश्विक मंच पर पाकिस्तान की पोल खोलने की तैयारी

इस प्रतिनिधिमंडल का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान की आतंकियों को दी जा रही शह और भारत की आत्मरक्षा में की गई कार्रवाई को वैश्विक नेताओं, थिंक टैंकों और मीडिया के सामने प्रस्तुत करना है। प्रतिनिधि दुनिया को यह समझाएंगे कि पहलगाम आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकियों का हाथ था। पाकिस्तान ने समय रहते हमलावरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। जिस पर भारत को मजबूरन पाकिस्तान में घुसकर आतंकी कैंपों को तबाह करना पड़ा।

भारत की कार्रवाई पूरी तरह आत्म रक्षा के अधिकार के तहत हुई, जबकि पाकिस्तान ने जानबूझकर भारत के नागरिक और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। प्रत्येक देश में अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल भेजे जाएंगे, जिसमें 5–6 सांसदों की टीम होगी। इनमें एनडीए के अलावा कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके, बीजेडी, वामदल जैसे विपक्षी दलों के सांसद शामिल रहेंगे।

आर्थिक मोर्चे पर भी कड़ा रुख: पाकिस्तान से आयात पर सख्ती

इसके साथ ही, केंद्र सरकार ने आर्थिक मोर्चे पर भी सख्ती बढ़ा दी है। वित्त मंत्रालय के अधीन राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने पाकिस्तान से यूएई के माध्यम से आ रहे इन-ट्रांजिट माल की सख्त निगरानी शुरू कर दी है। सरकार को शक है कि पाकिस्तान से आने वाले खजूर और सूखे मेवे, यूएई के रास्ते भारत में चुपचाप घुसपैठ कर रहे हैं। इस मुद्दे पर भारत ने यूएई सरकार से भी औपचारिक बातचीत की है।

यूएई ने अपनी ओर से खजूर और मेवों के उत्पादन आंकड़े साझा किए, लेकिन भारत की सख्त अधिसूचनाएं अब अन्य देशों के लिए भी स्पष्ट संकेत बन गई हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “अब किसी भी तरह की रियायत नहीं दी जा रही है। अगर कोई सामान पाकिस्तान से जुड़ा है, भले ही वह समुद्र में हो या पहले भेजा गया हो वह प्रतिबंध के दायरे में ही रहेगा।”

सीमा व्यापार पर भी प्रभाव

पहले ही 24 अप्रैल को भारत ने अटारी एकीकृत चेक पोस्ट (ICP) को बंद कर पाकिस्तान से प्रत्यक्ष व्यापार समाप्त कर दिया था। इसके चलते 3,886 करोड़ रुपये का द्विपक्षीय व्यापार प्रभावित हुआ है।

भारत अब न सिर्फ सीमा पार आतंकवाद का प्रतिकार सैन्य स्तर पर कर रहा है, बल्कि राजनयिक और आर्थिक स्तर पर भी पाकिस्तान को घेरने की रणनीति अपना रहा है। इस सर्वदलीय पहल से भारत यह संदेश देना चाहता है कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी नीति केवल सरकार की नहीं, पूरे देश की सामूहिक इच्छाशक्ति है।

#IndiaPakistanConflictमें अब तक