
आरोपी डॉक्टरों के लाइसेंस रद्द (Patrika)
Delhi Blast: दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए शक्तिशाली कार विस्फोट मामले में शामिल चार डॉक्टरों की डॉक्टरी की राह हमेशा के लिए बंद हो गई है। नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने शुक्रवार को इनके नाम आधिकारिक रजिस्टर से हटा दिए, जिसके बाद ये डॉक्टर अगले आदेश तक मरीजों का इलाज नहीं कर पाएंगे। कोर्ट से दोषी ठहराए जाने पर ये कभी इस पेशे में वापसी नहीं कर सकेंगे।
NMC ने सार्वजनिक नोटिस जारी कर डॉ. मुजफ्फर अहमद, डॉ. अदील अहमद राथर, डॉ. मुजम्मिल शकील और डॉ. शाहीन सईद के नाम जम्मू-कश्मीर मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रेशन से रद्द करने की पुष्टि की। नोटिस में कहा गया कि जांच एजेंसियों के साक्ष्यों से इनका आतंकी गतिविधियों में शामिल होना प्रथम दृष्टया साबित हो गया है, जो चिकित्सा पेशे की नैतिकता, सत्यनिष्ठा और सार्वजनिक विश्वास के मानकों के खिलाफ है। यह मामला इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (पेशेवर आचरण, शिष्टाचार और नैतिकता) विनियम, 2002 के तहत आता है।
10 नवंबर को फरीदाबाद के अल फलाह विश्वविद्यालय में कार्यरत पुलवामा निवासी डॉ. मुजम्मिल शकील के किराए के मकान से 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट बरामद हुआ, जबकि विश्वविद्यालय परिसर से कुल 2,900 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री मिली। उसी दिन दिल्ली के लाल किले के पास एक कार बम विस्फोट हुआ, जिसमें अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है और 20 से ज्यादा घायल बताए जा रहे हैं। इस मामले में 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि कई अन्य को हिरासत में ले कर पूछताछ जारी है।
गिरफ्तार व्यक्तियों में डॉ. मुजम्मिल शकील, सहारनपुर के डॉ. अदील राथर (7 नवंबर को गिरफ्तार, जिनके अनंतनाग अस्पताल लॉकर से AK-56 राइफल और गोला-बारूद बरामद हुआ) तथा लखनऊ की डॉ. शाहीन सईद (जिन्हें साजिश की पूरी जानकारी थी और योजना को 6 दिसंबर की बाबरी मस्जिद विध्वंस बरसी से जोड़ा गया) शामिल हैं। मुख्य आरोपी काजीगुंड निवासी डॉ. मुजफ्फर अहमद अगस्त में अफगानिस्तान भाग गया, जिसके खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इसे 'व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल' का भंडाफोड़ बताया है और UAPA के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
इस मामले में जांच जारी है, और साजिश के तार दूर तक जुड़े हुए बताए जा रहे हैं।
Published on:
15 Nov 2025 11:55 am
बड़ी खबरें
View Allबिहार चुनाव
राष्ट्रीय
ट्रेंडिंग
