
भारत जल्द ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में पाकिस्तान की आतंकवाद बढ़ाने और आतंकियों की मिलीभगत के नए सबूत पेश करेगा। मीडिया एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी देते हुए कहा कि इसके लिए भारत की टीम जल्द ही यूएन जाएगी। सूत्रों के अनुसार यूएनएससी के सहायक निकाय 1267 प्रतिबंध समिति की अगले सप्ताह ही संभावित बैठक में सबूत पेश किए जा सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि समिति की बैठक में पहलगाम हमले की जिम्मेदारी लेने वाले लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन दी रेजिस्टेंस फोर्स (टीआरएफ) के खिलाफ सबूत देकर उस पर प्रतिबंध की मांग करेगा।
पाकिस्तान ने जिस तरह से पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करने वाले यूएनएससी के बयान में टीआरएफ के नाम का उल्लेख करने से रोका, वही अपने आप में पाक का पेटर्न बताता है कि वह आतंकी संगठनों को संरक्षण और बढ़ावा दे रहा है। टीआरएफ लश्कर पर प्रतिबंध के कारण जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के खात्मे के बाद उभरा है जो हत्याओं, आतंकियों की भर्ती और हथियारों की तस्करी में शामिल है। टीआरएफ कश्मीर में कई हमलों में शामिल रहा है।
यूएनएससी ने 1999 में प्रस्ताव पारित कर यह समिति बनाई थी जो आतंकी संगठनों की गतिविधियों को रोकने और उन पर प्रतिबंध पर अमल की देखरेख करता है। इस समिति को दाएश और अलकायदा प्रतिबंध समिति के नाम से भी जाना जाता है।
ले. जन घई ने बताया कि 9 और 10 मई की रात फिर पाकिस्तान ने ड्रोन से हमले किए, इस बार वायुसेना को टारगेट किया गया। पाकिस्तान एलओसी पर लगातार गोलाबारी करता रहा। इसका भारत ने कड़ा जवाब दिया। आर्टिलरी और छोटे हथियारों से दिए जवाब में 7 से 10 मई तक 35 से 40 पाक सैनिक मारे गए।
वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने बताया कि नौसेना के कैरियर बैटल ग्रुप को पहलगाम हमले के 96 घंटे के भीतर पूरी सैन्य तैयारी से अरब सागर में तैनात किया गया। यहां विभिन्न हथियारों परीक्षण किए। कराची में अपनी पसंद के अनुसार समुद्र और जमीन पर हमले करने के लिए भारतीय नौसेना तैयार थी। उसने पाकिस्तानी नौसेना और वायुसेना यूनिट्स को तटों के पास ही हार्बर पर रक्षात्मक मुद्रा में रुके रहने पर मजबूर कर दिया। पाकिस्तानी यूनिट्स की सभी मूवमेंट पर नजर रखी गई। वायुसेना और थल सेना में भरपूर समन्वय रहा।
Published on:
12 May 2025 05:53 am
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