
Delhi Mock Drill: कोई मेज के नीचे तो कोई दरवाजे के पीछे छिपा...दिल्ली में सायरन बजते ही मची चीख-पुकार
Delhi Mock Drill: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के हालात पैदा हो गए हैं। इसी बीच केंद्र सरकार ने पूरे देश में सात मई को किसी भी खतरे से निपटने की तैयारियों के तहत मॉक ड्रिल कराने का आदेश दिया था। इसी आदेश के तहत बुधवार को दिल्ली-एनसीआर के शहरों में मॉक ड्रिल कराई गई। इस दौरान पूर्वी दिल्ली की गीता कॉलोनी में सायरन बजते ही लोगों में चीख पुकार मच गई। इस दौरान पूर्व नियोजित तैयारियों के तहत लोगों को स्ट्रेचर से एंबुलेंस तक पहुंचाया गया। हालांकि यह कोई हमला नहीं, बल्कि मॉक ड्रिल का हिस्सा था। इसके लिए अधिकारियों ने लोगों को पहले ही गाइड कर दिया था। दूसरी ओर गाजियाबाद के दस स्कूलों में मॉक ड्रिल कराई गई। जहां सायरन बजते ही बच्चे भागकर मेज के नीचे छिप गए।
किसी भी आपातकालीन स्थिति में या हवाई हमला होने पर सुरक्षित रहने के लिए गाजियाबाद के विभिन्न स्कूलों में बुधवार को मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। जिले के दस प्रमुख स्कूलों में यह अभ्यास एक साथ किया गया। जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों और आपदा प्रबंधन से जुड़े विशेषज्ञों की उपस्थिति रही। नवयुग मार्केट स्थित एक स्कूल में स्वयं जिलाधिकारी दीपक मीणा उपस्थित रहे। जहां उन्होंने मॉक ड्रिल की प्रक्रिया का जायजा लिया और छात्रों के साथ बातचीत की।
मॉक ड्रिल के दौरान जैसे ही सायरन बजा। कक्षा में उपस्थित छात्र तुरंत आपातकालीन निर्देशों का पालन करते हुए मेज के नीचे छिप गए। इसके साथ ही दूसरा सायरन बजने पर सभी बच्चे बाहर आ गए। इस दौरान मौके पर मौजूद गाजियाबाद सिविल डिफेंस के चीफ वार्डन ललित जायसवाल ने छात्रों को हवाई हमले की स्थिति में बचाव के उपाय बताए। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में शीशे वाली खिड़कियों के सामने खड़ा न हों, और गैस तथा बिजली के उपकरणों को तत्काल बंद कर देना चाहिए। यदि व्यक्ति घर से बाहर हो, तो खुले स्थान पर लेटकर अपने सिर को हाथों से ढक लें।
गाजियाबाद के डीएम दीपक मीणा ने बताया कि जिले के दस स्कूलों में तीस हजार बच्चों ने मॉक ड्रिल में हिस्सा लिया। इस दौरान आपदा प्रबंधन की टीम ने उन्हें बताया कि ब्लैकआउट की स्थिति में घर की बाहरी लाइटें बंद रखना आवश्यक है। ताकि रोशनी बाहर न जाए। जरूरी हो तो पर्दों के माध्यम से प्रकाश को नियंत्रित करें। उन्होंने यह भी सलाह दी कि लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का इस्तेमाल करें और इनवर्टर या जनरेटर बंद रखें। उन्होंने बताया कि दस स्कूलों के लगभग तीस हजार छात्रों को इस अभियान में शामिल किया गया है।
जिलाधिकारी दीपक मीणा ने मॉक ड्रिल के सफल आयोजन की सराहना की और कहा कि यह गतिविधि छात्रों के लिए न सिर्फ शिक्षाप्रद है बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाती है। उन्होंने अधिकारियों से फीडबैक लिया और बताया कि जिला प्रशासन इन मॉक ड्रिल्स के आधार पर यह मूल्यांकन करेगा कि क्या कुछ कमियां रह गईं जिन्हें भविष्य में बेहतर किया जा सकता है।
भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़े तनाव को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हाई अलर्ट घोषित किया गया है। इस दौरान दिल्ली के 40 बाजार और 660 स्कूलों में मॉक ड्रिल कराई गई। इसमें 110 सरकारी जबकि 550 निजी स्कूल शामिल हैं। बुधवार शाम चार बजे जैसे ही सायरन बजा।
स्कूली बच्चों ने आपदा प्रबंधन के नियमों के तहत प्रतिक्रिया देकर मॉक ड्रिल में हिस्सा लिया। इसके साथ बाजारों मे आग लगने पर बचाव का प्रशिक्षण दिया गया। इस बीच शाम चार बजते ही दिल्ली के सिविक सेंटर में आग लगने की मॉक ड्रिल हुई, लेकिन 20 मिनट तक वहां पीसीआर और एंबुलैंस नहीं पहुंच सकी। दिल्ली के अधिकारियों का कहना है कि मॉक ड्रिल में जो कमियां निकलकर सामने आई हैं। उन्हें दुरुस्त करने के उपाय किए जाएंगे।
Updated on:
07 May 2025 05:56 pm
Published on:
07 May 2025 05:20 pm
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