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निजी नर्सिंग होम में जच्चा-बच्चा की मौत, जिला अस्पताल से अपने यहां ले गई थी डॉक्टर, प्रशासन ने किया सील

Nursing home sealed: जिला चिकित्सालय में पदस्थ डॉक्टर ने प्रसूता के परिजन को अपने निजी नर्सिंग होम में अच्छी सुविधाएं होने का दावा कर करा लिया था एडमिट, परिजन कहते रहे कि वे दूसरी जगह ले जा रहे हैं लेकिन डॉक्टर ने अपने नर्सिंग होम में ही बेहतर इलाज से ठीक करने की कही बात

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निजी नर्सिंग होम में जच्चा-बच्चा की मौत, जिला अस्पताल से अपने यहां ले गई थी डॉक्टर, प्रशासन ने किया सील

Nursing home sealed by Tehsildar

सूरजपुर. Nursing home sealed: जिले के तिलसिवां स्थित एक निजी नर्सिंग होम में 5 अप्रैल की रात डिलीवरी के समय नवजात की मौत के कुछ घंटे बाद प्रसूता की भी मौत हो गई। इस मामले में प्रसूता के परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मामले की शिकायत थाने में की। इधर सीएमएचओ ने भी टीम गठित कर मामले में जांच का आश्वासन दिया। इन सबके बीच प्रशासन की ओर से तहसीलदार ने शाम को निजी नर्सिंग होम को सील कर दिया है, ताकि सबूतों के साथ कोई छेडख़ानी न हो।


गौरतलब है कि सूरजपुर जिले के ग्राम भुवनेश्वरपुर निवासी पूजा साहू 22 वर्ष को 3 अप्रैल को प्रसव पीड़ा हुई तो परिजन उसे लेकर सूरजपुर जिला चिकित्सालय पहुंचे। यहां 4 अप्रैल तक उसका इलाज चलता रहा, लेकिन स्थिति में ज्यादा सुधार नहीं हुआ।

इस संबंध में प्रसूता के पिता ने बताया कि 4 अप्रैल को वे उसे अंबिकापुर अस्पताल ले जाने का मन बना रहे थे। इसी बीच जिला चिकित्सालय में पदस्थ डॉ. रश्मि कुमार ने उनसे कहा कि उनका ग्राम तिलसिवां में निजी नर्सिंग होम है, वहां अच्छी सुविधाएं हैं।

नॉर्मल डिलीवरी के 15 हजार और ऑपरेशन से डिलीवरी में 35-40 हजार रुपए में हो जाएगा। वह 100 प्रतिशत नॉर्मल डिलीवरी करा देगी। डॉक्टर की यह बात सुनकर परिजनों ने उसे रश्मि नर्सिंग होम में भर्ती करा दिया। यहां 10 हजार रुपए एडवांस दिया तो उसका इलाज शुरु किया गया।


हालत बताते रो पड़ा पिता
प्रसूता के पिता ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बताया कि 5 अप्रैल की सुबह 5 से 10 बजे तक बेटी को ऑपरेशन थियेटर में ले गए और नॉर्मल डिलीवरी की कोशिश की। जब नॉर्मल डिलीवरी नहीं हुआ तो ऑपरेशन किया। 12 बजे आकर डॉक्टर ने बताया कि बच्चे को हम बचा नहीं पाए लेकिन मां सुरक्षित है।

इस पर हमने जैसे-तैसे संतोष कर लिया। 3 बजे बेटी से मिलने दिया गया तो वह ठीक थी। 5 बजे उसे रूम में शिफ्ट किया गया तो वह अच्छे से बोल रही थी, खाना मांगा लेकिन खाने नहीं दिया गया, सिर्फ पानी दिया गया।

साढ़े 10 बजे रात में ब्लड का दूसरा बॉटल चढ़ाने के दौरान उसकी स्थिति पूरी तरह से बिगड़ गई। इसके बाद बेटी के सीने पर नर्स व डॉक्टर पंप करने लगे। इसी बीच मौत हो गई। यह कहते-कहते वह रो पड़ा।

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एंबुलेंस को बीच रास्ते से भेजा वापस
प्रसूता के पिता ने बताया कि जब बेटी की हालत बिगडऩे लगी तो हमने दूसरी जगह ले जाने की बात कही तो डॉक्टर ने एंबुलेंस बुलाने कहा। जब एंबुलेंस वाले को कॉल किया तो उसने खुद डॉक्टर ने उससे बात की और आने कहा।

इसी बीच डॉक्टर ने फिरएंबुलेंस को यह कहकर बीच रास्ते से वापस कर दिया कि यहीं ठीक हो जाएगा, लेकिन जच्चा-बच्चा दोनों नहीं बचे। पिता ने लापरवाह डॉक्टर व दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।


तहसीलदार ने सील किया नर्सिंग होम
इस मामले में सीएमएचओ डॉ. आरएस सिंह ने बताया कि निजी नर्सिंग होम में जच्चा-बच्चा की मौत हुई है। इस मामले में दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। जांच कमेटी बैठाएंगे। यदि कमियां पाईं जाती है तो नर्सिंग होम को सील करेंगे। इधर सूरजपुर तहसीलदार गुरुवार की शाम निजी नर्सिंग होम को सील कर दिया। उन्होंने कहा कि नर्सिंग होम को सील इस वजह से किया गया है ताकि सबूतों के साथ छेडख़ानी न हो।


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