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मेरठ कैंट के सदर क्षेत्र में गुफा वाले मंदिर में काफी श्रद्धालु आते हैं। जो लोग जम्मू में माता वैष्णो देवी में नहीं जा पाते, वे नवरात्र में यहां आकर वहां की अनुभूति जरूर कर लेते हैं। पिछले 12 साल से यह गुफा वाला मंदिर के नाम से प्रसिद्ध हुआ है। मेरठ समेत पूरे वेस्ट यूपी के श्रद्धालु शहर में आते हैं, तो इस मंदिर के दर्शन जरूर करते हैं। <strong>एेसे हुआ मंदिर निर्माण</strong> करीब 35 साल पहले युवा पीढ़ी को धार्मिक कार्यक्रमों से जोड़ने के लिए कुछ पंजाबी समाज की महिलाआें व पुरुषों ने आसपास के लोगों से चंदा एकत्र करके इस मंदिर की स्थापना की थी। यहां रोजाना पूजा-अर्चना होने लगी, तो छोटे-बड़े लोग नियमित रूप से आने लगे। इस मंदिर का नाम सनातन धर्म रघुनाथ मंदिर है। <strong>किस्&zwj;सा</strong> बताते हैं कि करीब दस साल पहले इस मंदिर से जुड़े कुछ श्रद्धालुआें के स्वप्न में माता वैष्णो देवी आई आैर मंदिर निर्माण की बात कही। इसके बाद मंदिर को जम्मू के वैष्णो देवी मंदिर की तरह आकार देने की कवायद की गर्इ। मंदिर को इस आकार में लाने के लिए कटरा के कारीगरों को यहां बुलाया आैर गुफा वाला मंदिर बनाया गया। करीब 12 साल से लोग इस मंदिर को गुफा वाला मंदिर के नाम से ही जानते हैं। <strong>प्रसिद्धि</strong> इस मंदिर का निर्माण वैसे तो 35 साल पहले ही हो गया था, लेकिन प्रसिद्धि काफी साल बाद में मिली। जो लोग जम्मू में माता वैष्णो देवी गए हैं, वे अगर इस मंदिर में आएंगे तो उन्हें वहां का अहसास जरूर होता है। मंदिर की कृत्रिम गुफा में पानी भी गिरता रहता है। मंदिर में वैष्णो देवी मंदिर की तरह मां काली, लक्ष्मी व सरस्वती मां की तीन पिंडी हैं, जिन्हें प्राण प्रतिष्ठा के बाद स्थापित किया गया। यहां मां दुर्गा आैर भैरव बाबा की मूर्ति भी हैं। <strong>मान्&zwj;यता </strong> गुफा वाले मंदिर में माता की चुनरी, नारियल आैर प्रसाद चढ़ाया जाता है। यहां के पुजारी का कहना है कि सच्चे मन से यदि मां से मांगो तो मां अपने भक्तों को खाली हाथ नहीं भेजती। नवरात्र में यहां विशेष पूजा-अर्चना होती है, जिससे यहां आने वालों को माता वैष्णो देवी का अहसास जरूर होता है। इन दिनों यहां कर्इ गुना भक्तों की संख्या बढ़ जाती है। <strong>विशेष</strong> सदर में ही मां काली देवी के मंदिर से इस मंदिर की दूरी आधा किलोमीटर भी नहीं है। सदर में मेन रोड से हटकर इस मंदिर को वैष्णो देवी मंदिर की तरह तैयार किया गया है। <strong>एेसे पहुंचें</strong> दिल्ली से यहां सदर स्थित गुफा वाले मंदिर की दूरी करीब 67 किलोमीटर है। भैंसाली रोडवेज बस अड्डे से रिक्शा या आॅटो से यहां पहुंचा जा सकता है। रेल द्वारा भी करीब इतनी ही दूरी तय करनी पड़ती है।