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गौतमबुद्धनगर भी ऐतिहासिक धरोहर को संजो रहा है। यहां किसी न किसी युग की प्राचीन धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत समाई हुई है। इनमें ही एक दनकौर का गुरु द्रोणाचार्य मंदिर है। इस मंदिर में गुरु द्रोण की प्रतिमा स्थापित है। दनकौर के इसी स्थल पर महाभारतकाल में गुरु द्रोण कौरव और पांडवों को शिक्षा दिया करते थे। <strong>एेसे हुआ मंदिर स्थापित</strong> कभी दनकौर को द्रोणकौर के नाम से जाना जाता था। समय बदलने के साथ में द्रोणकौर का नाम चेंज कर दनकौर रख दिया गया। मान्यता है कि एकलव्य ने इसी स्थान पर गुरु द्रोणाचार्य की प्रतिमा बनाई थी। साथ ही धनुर्विद्या का अभ्यास किया था। गुरु द्रोणाचार्य द्वारा शिक्षा-दीक्षा न दिए जाने पर भी एकलव्य ने अपनी आस्था के कारण द्रोण को अपना गुरु स्वीकार किया। साथ ही द्रोणाचार्य ने एकलव्य से अपनी गुरु दक्षिणा में उसके दाहिने हाथ का अंगूठा मांगा था। दनकौर में जिस जगह द्रोण मंदिर की बनाया गया हैं, वहीं एकलव्य ने उनकी मूर्ति बनाई थी। <strong>किवदंती</strong> इस मंदिर परिसर में एक तालाब भी है। इस तालाब को गुरु द्रोणाचार्य तालाब के नाम सेे जाता है। कभी बाढ़ का पानी दनकौर में आ जाया करता था। बताया जाता है कि इस तालाब में पानी ज्यादा देर तक नहीं रहता है। बाढ़ का पूरा पानी तालाब में आज भी सूख जाता है। माना जाता है कि गुरु द्रोणाचार्य का आशीर्वाद हमेशा दनकौर पर रहा है। यह तालाब भी एकलव्य के समय से मौजूद है। बताया जाता है कि अंग्रेजी शासकों ने इस तालाब का बखूबी परीक्षण किया था, लेकिन वे भी इसे द्रोणाचार्य का चमत्कार मानने पर मजबूर हो गए थे। <strong>प्रसिद्धि</strong> दनकौर के इस मंदिर का जिक्र महाभारतकाल से होता है। बताया जाता है कि जो मूर्ति द्रोण मंदिर में स्थापित है, उसे एकलव्य ने बनाया था और गुरु मानकर धर्नुविद्या काा अभ्यास किया करते थे। आज दूर-दूर से लोग मंदिर को देखने के लिए आते हैं। <strong>विशेष</strong> द्रोणचार्य के मंदिर के साथ-साथ यहां का तालाब भी खास है। आस्था के प्रतीक इस तालाब को देखने के लिए दूर-दूर से भी लोग आते हैं। यहां तक कि तालाब के पानी के सूखने के बारे में देश-विदेश से लोग रिसर्च करने आते हैं। <strong>कैसे पहुंचें</strong> दिल्ली की तरफ से आने वाले लोग नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे से परीचौक आ सकते हैं। परीचौक से यमुना एक्स्रपेसवे सर्विस रोड से दनकौर जा सकते हैं। वहीं यमुना एक्सप्रेसवे से भी दनकौर जा सकते हैं।