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लखनऊ विश्वविद्यालय भारत के प्रमुख शैक्षिक-संस्थानों में से एक है। यह लखनऊ के समृद्ध इतिहास को तो प्रकट करता ही है नगर के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से भी एक है। इसका प्राचीन भवन मध्यकालीन भारतीय स्थापत्य का सुंदर उदाहरण है। इसमें पढ़ने और पढाने वाले अनेक शिक्षक और विद्यार्थी देश और विदेश में प्रसिद्धि प्राप्त कर चुके हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय स्थापना 18 मार्च 1921 को उत्तर-प्रदेश की राजधानी -लखनऊ में गोमती के तट पर की गई। स्थापना में तत्कालीन संयुक्त प्रान्त के उपराज्यपाल सर हरकोर्ट बटलर तथा अवध के तालुकेदारों का विशेष योगदान रहा। इससे पूर्व अवध के तालुकेदारों ने लार्ड कैनिंग की स्मृति में 27 फ़रवरी 1864 को लखनऊ में कैनिंग कॉलेज क नाम से एक विद्यालय स्थापित करने के लिए पंजीकरण कराया। 1 मई  1984 को कैनिंग कॉलेज का औपचारिक उद्घाटन अमीनुद्दौला पैलेस में हुआ। प्रारम्भ में 1867 तक कैनिंग कॉलेज कलकत्ता विश्वविद्यालय से सम्बद्ध किया गया। तत्पश्चात 1888 में इसे इलाहाबाद विश्वविद्यालय से सम्बद्ध किया गया। सन 1905 में प्रदेश सरकार ने गोमती की उत्तर दिशा में लगभग 90  एकड़ का भूखण्ड कालेज को स्थानांतरित किया, जिसे बादशाहबाग के नाम से जाना जाता है। मूलरूप से यह अवध के नवाब नसीरूद्दीन हैदर का निवास स्थान था। इसी कैनिंग कॉलेज के परिसर में 'सैडलर आयोग' के द्वारा लखनऊ में एक आवासीय और अध्यापन विश्वविद्यालय खोलने के प्रस्ताव को तत्कालीन संयुक्त राज्य के उप-ज्यपाल सर हरकोर्ट बटलर, महमूदाबाद के राजा मुहम्मद अली खान आदि के प्रयासों से 7 अगस्त 1920 को इलाहाबाद विश्वविद्यालय की सीनेट ने अतिविशिष्ट बैठक में अपनी सहमति प्रदान की। सहमति के दो महीनों बाद विधान परिषद ने लखनऊ विश्वविद्यालय की स्थापना संबधी विधेयक पारित किया, जिसे 1 नवम्बर 1920 को उपराज्यपाल और 25 नवम्बर 1920 को गवर्नर जनरल की मंजूरी मिली। इस समय लखनऊ विश्वविद्यालय में कला, प्राच्यविद्या, विज्ञान, चिकित्सा, विधि और वाणिज्य संकाय संचालित थे। कैनिंग कॉलेज, किंगजार्ज मेडिकल कॉलेज और ईसाबेला थॉबर्न कॉलेज केन्द्र में थे। माननीय श्री ज्ञानेन्द्र नाथ चक्रवर्ती लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति, मेजर टी० एफ० ओ० डॉनेल प्रथम कुल सचिव और श्री ई० ए० एच० ब्लंट प्रथम कोषाध्यक्ष नियुक्त हुए। विश्वविद्यालय कोर्ट की पहली बैठक 21 मार्च 1921 को हुई। अगस्त से सितम्बर 1921 के मध्य कार्य परिषद (एक्ज्यूकेटिव काऊंसिल) तथा अकादमिक परिषद का गठन किया गया। सन 1922 में पहला दीक्षान्त समारोह आयोजित किया गया। तब से लेकर आज तक लखनऊ विश्वविद्यालय उत्तरोत्तर उन्नति पथ पर अग्रसर है। सन 1991 से लखनऊ विश्वविद्यालय का द्वितीय परिसर 75 एकड़ भूमि पर सीतापुर रोड पर प्रारम्भ हुआ, जहाँ वर्तमान में विधि तथा प्रबंधन की कक्षाएँ संचालित होती हैं।