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Ahmedabad Plane Crash: जिस 11A सीट ने बचाई विश्वास कुमार रमेश की जान, उसने 27 साल पहले भी किया था ऐसा ही करिश्मा

अहमदाबाद विमान हादसे में विमान में सवार सिर्फ एक शख्स की ही जान 11A सीट की वजह से बची है, जो एक करिश्मे की तरह है। लेकिन क्या आपको पता है कि इस तरह का करिश्मा 27 साल पहले भी हो चुका है? आइए इस मामले पर नज़र डालते हैं।

Thailand and Ahmedabad plane crashes survivors
Thailand and Ahmedabad plane crashes survivors (Photo - Patrika Network)

अहमदाबाद विमान हादसा (Ahmedabad Plane Crash) दुनिया के सबसे भीषण विमान हादसों में से एक था। भारत (India) ही नहीं, पूरी दुनिया को इस हादसे ने झकझोर कर रख दिया। 12 जून को एयर इंडिया (Air India) का बोइंग ड्रीमलाइनर 787-8 विमान अहमदाबाद से लंदन जा रहा था। हालांकि टेकऑफ के कुछ ही देर बाद विमान हादसे का शिकार हो गया और एयरपोर्ट के पास एक मेडिकल हॉस्टल में जाकर क्रैश हो गया। इस दुर्घटना की वजह से विमान में तो आगे लगी और नष्ट हुआ ही, साथ ही मेडिकल हॉस्टल को भी काफी नुकसान पहुंचा। अहमदाबाद विमान हादसे में 279 लोगों की मौत हो गई। विमान में सवार 242 लोगों में से 241 लोग इस विमान हादसे में मारे गए और जिस मेडिकल हॉस्टल से विमान की टक्कर हुई, उसके 38 लोगों ने भी अपनी जान गंवा दी। हालांकि विमान में सवार एक शख्स इस दर्दनाक हादसे में ज़िंदा बच गया।

11A सीट ने बचाई विश्वास कुमार रमेश की जान

अहमदाबाद विमान हादसे में ज़िंदा बचने वाले शख्स का नाम विश्वास कुमार रमेश (Vishwash Kumar Ramesh) है, जिसकी जान विमान में सीट नंबर 11A पर बैठने से बच गई। यह एक करिश्मा ही था कि इस भीषण हादसे में विश्वास की जान बच गई।

27 साल पहले भी हुआ था ऐसा ही करिश्मा

अहमदाबाद विमान हादसे में 11A सीट की वजह से विश्वास की जान का बचना ऐसा पहला मौका नहीं था जब इस सीट ने प्लेन क्रैश में एक यात्री की जान बचाई है। 27 साल पहले भी ऐसा करिश्मा हो चुका है। 11 दिसंबर, 1998 को थाईलैंड (Thailand) के सूरत थानी (Surat Thani) प्रांत के फुनफिन (Phunphin) जिले में एयरपोर्ट पर लैंडिंग के दौरान विमान क्रैश हो गया था। विमान में 146 लोग थे, जिनमें से 101 लोगों की इस हादसे में मौत हो गई थी। 45 लोग इस हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए थे, लेकिन किसी तरह बच गए। इस हादसे में रुआंगसाक लोयचुसाक (Ruangsak Loychusak) की जान भी बच गई थी। संयोग की बात है कि रुआंगसाक भी हादसे के समय सीट नंबर 11A पर ही बैठे हुए थे।


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