
Cervical Pain Treatment : लैपटॉप और मोबाइल के कारण गर्दन में दर्द? सर्वाइकल पेन से बचने के 5 अचूक तरीके (फोटो सोर्स: AI image@Gemini)
Cervical Pain Treatment : बदलती लाइफ स्टाइल में सर्वाइकल पेन की समस्याएं भी बढ़ रही हैं। इसमें गर्दन या कंधे के आसपास के हिस्से में दर्द होता है। कई बार समस्या इतनी गंभीर हो जाती है कि गर्दन मोड़ने, सिर उठाने या अन्य शारीरिक क्रियाओं में भी परेशानी होती है। समय पर ध्यान न देने से समस्या काफी गंभीर रूप ले लेती है। आइए जानते हैं न्यूरो एवं स्पाइन सर्जन, डॉ. सुरेश कुमावत से सर्वाइकल पेन क्या है और कैसे इससे राहत पा सकते हैं…
- गर्दन में दर्द एवं अकड़न, मूवमेंट में कमी, सिर घुमाने, झुकाने या ऊपर देखने में दिक्कत
- गर्दन और कंधों की मांसपेशियों में खिंचाव
- हाथ-पैर में कमजोरी, झुनझुनी/सुन्नपन, मस्तिष्क में पीछे दर्द, चक्कर या संतुलन की समस्या आदि
- मांसपेशियों में खिंचाव, डिस्क प्रॉब्लम, स्क्रीन टाइम
- गलत सोने का तरीका
- अचानक झटका लगना या वजन उठाना
- हड्डियों में घिसावट, डिस्क का पतला होना
- खराब पॉश्चर जैसे झुककर पढ़ना/बैठना, कुर्सी -तकिया सही न होना आदि
1. पॉश्चर सुधारें: मोबाइल -लैपटॉप आंखों के लेवल पर रखें, ज्यादा झुके नहीं।
2. सोने की आदत: बहुत ऊंचा या नीचा तकिया न लगाएं। पीठ या करवट लेकर सोना ठीक है।
3. फिजिकल एक्टिविटी जरूरी: गर्दन एवं कंधों के हल्के स्ट्रेच एवं मजबूती बढ़ाने वाली एक्सरसाइज रोज करें। लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठने से बचें। हर ३०-४० मिनट बाद हल्का मूवमेंट करें।
4. मांसपेशियों का तनाव: योग, प्राणायाम, ध्यान से मसल्स का तनाव दूर करें। भारी वजन न उठाएं।
सर्वाइकल पेन गर्दन और कंधे के आसपास होने वाला दर्द है, जो गलत बैठने की आदत, लगातार मोबाइल/कंप्यूटर इस्तेमाल और स्पाइनल डिस्क की समस्या के कारण होता है।
- गर्दन में जकड़न और दर्द
- कंधे व हाथ तक झनझनाहट
- सिरदर्द और चक्कर आना
- गर्दन घुमाने में कठिनाई
- लंबे समय तक एक ही पोज़िशन में न बैठें
- कंप्यूटर/मोबाइल का सही उपयोग करें
- हल्की स्ट्रेचिंग और योगासन करें
- सही तकिया और गद्दे का इस्तेमाल करें
हाँ, शुरुआती अवस्था में दवाई, फिजियोथेरेपी और व्यायाम से आराम मिलता है। गंभीर मामलों में डॉक्टर द्वारा बताए गए उपचार ज़रूरी होते हैं।
- भुजंगासन
- ताड़ासन
- मरजारासन (कैट-काउ पोज़)
- मकरासन
यदि दवा और फिजियोथैरेपी से भी आराम न मिले, हाथ-पैर में कमजोरी, चलने-फिरने में परेशानी है तो गंभीर स्थिति में सर्जरी की जाती है।
न्यूरो एवं स्पाइन सर्जन, डॉ. सुरेश कुमावत
Published on:
17 Sept 2025 05:50 pm
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