14 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ऑपरेशन सिंदूर: सुशील की कुर्बानी का बदला, pok में भारत का तूफानी हमला

Operation Sindoor: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस हमले में 26 लोगों की जान गई, जिनमें मध्य प्रदेश के इंदौर के रहने वाले 58 वर्षीय सुशील नथानियल भी शामिल थे। अब भारत ने सुशील सहित जान गवाने वाले सभी लोगों की कुर्बानी का बदला Operation Sindoor ले लिया है।

2 min read
Google source verification
Opration Sindoor

Operation Sindoor: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी कर कईयों को दर्दनाक मौत दी। इस हमले में 26 लोगों की जान गई, जिनमें मध्य प्रदेश के इंदौर के रहने वाले 58 वर्षीय सुशील नथानियल भी शामिल थे। अब भारत ने सुशील सहित जान गवाने वाले सभी लोगों की कुर्बानी का बदला Operation Sindoor ले लिया है। मंगलवार देर रात पहलगाम आतंकी हमले के गुनहगारों को सजा देने की कार्रवाई शुरू कर दी। भारतीय सेना ने पीओके में नौ आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की है। भारतीय सेना ने रात करीब दो बजे ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों को निशाना(Air Strike) बनाया गया है।

भारतीय सेना ने एक्स पर दी जानकारी

धर्म पूछकर मारी थी गोली

बता दें कि, इंदौर के रहने वाले सुशील नथानियल(Operation Sindoor) अपनी पत्नी जेनिफर, 30 वर्षीय बेटी आकांक्षा और 21 वर्षीय बेटे ऑस्टिन के साथ पत्नी का जन्मदिन मनाने कश्मीर गए थे। लेकिन इस हमले में एक खुशहाल परिवार की छुट्टियां मातम में बदल गईं। सुशील ने अपने परिवार को बचाने के लिए अपनी जान दे दी। सुशील के भाई संजय कुमरावत ने बताया कि, आतंकियों ने गन पॉइंट पर सुशील को घुटनों पर बैठने को कहा। इसके बाद पूछा- किस धर्म से हो? जब सुशील ने कहा कि वे ईसाई हैं तो उन्हें कलमा पढ़ने को कहा। कलमा नहीं पढ़ पाने पर सुशील पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी। सुशील ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

अंतिम विदाई में शामिल हुए थे सैकड़ों लोग

इस घटना ने पूरे परिवार को तोड़ दिया। सुशील का शव 23 अप्रैल की रात 9 बजे श्रीनगर से दिल्ली, फिर इंदौर लाया गया। एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री मोहन यादव, मंत्री तुलसी सिलावट और स्थानीय नेता शव को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। इंदौर शहर शोक में डूब गया। 24 अप्रैल की सुबह, सुशील नथानियल की अंतिम यात्रा वीणा नगर स्थित उनके घर से शुरू हुई। इस दौरान जेनिफर ताबूत से लिपटकर बार-बार बेसुध हो रही थीं। यह दृश्य देख हर आंख नम थी। परिवार, रिश्तेदार, सहकर्मी और पड़ोसी सुशील के मिलनसार स्वभाव को याद कर रो पड़े। सैकड़ों लोग उनकी अंतिम विदाई में शामिल हुए। नंदा नगर चर्च में प्रार्थना सभा के बाद, सुशील को जूनी इंदौर कब्रिस्तान में ईसाई रीति-रिवाजों के साथ दफनाया गया।

#OperationSindoorमें अब तक