Raja Raghuvanshi Murder Case: गुवाहाटी की एक महिला ने 2022-23 में प्रेमी की खातिर पति और सास को मौत के घाट उतार दिया था। इसके बाद दोनों के शव के टुकड़े कर मेघालय में अलग-अलग स्थानों पर फेंक दिए थे। सास और पति के शरीर के कुछ हिस्से मेघालय में ठीक उसी स्थान के आसपास मिले थे, जहां इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी का शव मिला था। ऐसे में अब सवाल है कि क्या सोनम और उसके क्राइम पार्टनर ने इसी महिला के क्राइम केस की तर्ज पर इस स्थान का चयन किया था।
राजा रघुवंशी हत्याकांड(Raja Raghuvanshi Murder Case) में शिलांग पुलिस ने अब तक सोनम(Sonam Raghuvanshi) सहित पांच को गिरफ्तार किया है। एसआइटी जांच कर रही है। पुलिस के हाथ अब तक अहम सबूत भी नहीं लगे हैं, इसलिए एसआइटी की एक टीम तकनीकी आधार पर भी समानांतर जांच कर रही है। टीम इंदौर, गाजीपुर, बनारस, और बीना सहित अन्य इलाकों में छानबीन कर तकनीकी प्रमाण जुटा रही है, ताकि केस को तकनीकी आधार पर मजबूत बनाया जा सके। टीम बनारस और गाजीपुर में सफर करने और बस स्टैंड पर छोड़ने आने वाले युवकों के बारे में भी जानकारी जुटाएगी। दरअसल सोनम ने षड्यंत्र रचा था कि वह राजा को मौत के घाट उतार देगी और खुद को लापता बताकर पीड़िता सिद्ध कर देगी। वह इसमें सफल नहीं हो पाई।
रघुवंशी समाज ने रविवार को भोपाल में राजा रघुवंशी को श्रद्धांजलि दी। यहां राजा के भाई विपिन ने कहा, अब हम प्रशासन और मेघालय पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट हैं। राजा को इंसाफ और दोषियों को फांसी की सजा मिले। सोनम बार-बार बयान बदल रही है, मामला उलझता जा रहा है। विपिन ने बताया, सोनम ने 16 मई को शिलांग का टिकट बुक किया, यह बात राजा ने 17 मई को बताई। तब मैंने गुस्सा करते हुए जाने से मना किया था। इसके बाद वह मुझसे थोड़ा रूठ गया।
शादी के दौरान सोनम मायूस दिखी थी। तब यही लगा था कि शायद घर-परिवार से बिछड़ने का यह दुख होगा। उन्होंने कहा, अब हम प्रशासन और मेघालय पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट हैं। राजा(Raja Raghuvanshi Murder Case) को इंसाफ मिले और दोषियों को फांसी की सजा मिले। यही चाहते हैं। सोनम बार-बार अपने बयान बदल रही है, इसलिए मामला उलझता जा रहा है। मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया चाहिए।
रघुकुल भवन में श्रद्धांजलि सभा में बड़ी संख्या में समाज के लोग शामिल हुए। मोमबत्तियां जलाकर राजा को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ उमाशंकर रघुवंशी, सुरेंद्र सिंह रघुवंशी सहित बड़ी संख्या में समाज के लोग मौजूद थे।
Updated on:
16 Jun 2025 09:05 am
Published on:
16 Jun 2025 08:57 am