
15 दिन। बस 15 दिन। भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले का जवाब कुछ इस अंदाज़ में दिया कि पाकिस्तान और PoK की धरती पर अभी भी दहशत में है। आधी रात भारतीय वायुसेना ने राफेल जेट्स के जरिए पाकिस्तान और कब्जे वाले कश्मीर PoK में आतंकी ठिकानों पर सटीक स्ट्राइक की। इस हमले में SCALP-EG मिसाइल और HAMMER बम का इस्तेमाल हुआ। ऑपरेशन की टाइमिंग, सटीकता और तकनीक ऐसी थी कि दुश्मन को भनक तक नहीं लगी।
SCALP-EG यानी स्टॉर्म शैडो एक लॉन्ग-रेंज एयर-लॉन्च क्रूज मिसाइल है।SCALP मिसाइल को पकड़ना रडार के लिए भी मुश्किल होता है।इसके आकार और खास मटीरियल के कारण इसका रडार क्रॉस सेक्शन बेहद कम होता है।इसका इंफ्रारेड सिग्नेचर भी न्यूनतम होता है।
SCALP मिसाइल की रेंज करीब 560 किलोमीटर है। यानी राफेल को दुश्मन की हवाई सीमा में घुसने की जरूरत नहीं।भारत की सीमा से ही मिसाइल को दागा जा सकता है।
इसके चार-स्तरीय नेविगेशन सिस्टम (INS, GPS, TERPROM, EO) की वजह से ये चलती गाड़ियों, बंकरों और अंडरग्राउंड टारगेट्स को भी एकदम सटीकता से हिट कर सकती है। यानी बंकर हो या सुरंग, कुछ भी नहीं बचता।
2016 में भारत ने फ्रांस की Dassault Aviation से 36 राफेल फाइटर जेट खरीदे थे। इन जेट्स में SCALP और HAMMER मिसाइल जैसे आधुनिक हथियार लगे हैं। राफेल की ताकत इस ऑपरेशन में खुलकर सामने आई। यह जेट 2,222 किमी/घंटा की रफ्तार से उड़ान भर सकता है और इसकी मारक क्षमता इसे किसी भी दुश्मन के लिए खतरा बना देती है।
राफेल में अत्याधुनिक AESA रडार, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम, और स्टील्थ फीचर्स हैं जो इसे दुश्मन की पकड़ से दूर रखते हैं। इसके साथ जो मिसाइलें और बम लगाए जाते हैं, जैसे SCALP-EG क्रूज मिसाइल, HAMMER बम, और मेटियोर एयर-टू-एयर मिसाइल, वे इसे हवा और ज़मीन दोनों में दुश्मन को खत्म करने की ताकत देते हैं। यही वजह है कि राफेल को भारतीय वायुसेना में "गेम चेंजर" कहा जाता है।
Updated on:
07 May 2025 12:49 pm
Published on:
07 May 2025 11:28 am
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