
नई दिल्ली।भारतीय मौसम विभाग ने शुक्रवार को नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना जताई है। इसके साथ ही असम, मेघालय, केरल और गंगीय पश्चिम बंगाल में पृथक स्थानों पर भारी वर्षा का अनुमान है। जबकि छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु के अंदरुनी क्षेत्र, पुड्डुचेरी और करायकल में तूफान, धूल भरी आंधी के साथ ही बिजली गिर सकती है।
राजस्थान के क्षेत्रों में लोगों को लू से कोई राहत नहीं
मौसम विभाग के अनुसार उत्तरी राज्यों मध्यप्रदेश और विदर्भ के अधिकांश इलाकों में गर्म हवाओं का दौर जारी रहेगा। इसके साथ ही पश्चिमी राजस्थान के क्षेत्रों में लोगों को लू से कोई राहत नहीं मिलेगी। मौसम विभाग की ओर से बताया गया कि दक्षिणी हरियाणा, दक्षिणी उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के इलाकों में गर्म हवा चलेगी।
मानसून में हुई देरी, एक और सप्ताह और रहेगी गर्मी
इसके साथ ही देश के बड़े हिस्से में एक और सप्ताह तक गर्मी का कहर जारी रहेगा। हालांकि अगले 48 घंटों में मानसून के केरल से टकराने की आशंका है लेकिन भीषण गर्मी की स्थिति का सामना कर रहे देश के मध्य और पश्चिमी क्षेत्रों तक मानसून को पहुंचने में कम से कम सात दिन लगेंगे। अधिकतम तापमान 45 से 50 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने से देश में पिछले कुछ दिनों में हीट स्ट्रोक के कारण कई लोगों की मौत हो गई है।
आंध्र प्रदेश में लू चलने की आशंका
भारत के मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र, तेलंगाना और तटीय आंध्र प्रदेश में लू चलने की आशंका है। राष्ट्रीय राजधानी और कुछ उत्तरी शहरों में लू अगले कुछ दिनों में गंभीर हो सकती है, जिससे पारे के 45 डिग्री सेल्सियस के पार जाने की संभावनाएं हैं।
हरियाणा और पंजाब में 11 जून के बाद ही प्रचंड
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), हरियाणा और पंजाब में 11 जून के बाद ही प्रचंड गर्मी से राहत मिलेगी, जब पश्चिमी विक्षोभ के कारण गरज और बारिश होने की संभावना है। निजी फोरकास्टर स्काइमेट के निदेशक महेश पलावत ने कहा, "आमतौर पर दिल्ली में मानसून 29 जून तक आता है। हालांकि, इस बार मानसून के आने में एक सप्ताह तक की देरी होने की उम्मीद है। यह जुलाई के पहले सप्ताह में दस्तक देगा।"
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एक सप्ताह का समय
मौसम विज्ञानी संस्था स्काईमेट के अनुसार मानसून दिल्ली कब पहुंचेगा इसकी पुख्ता जानकारी देना मुश्किल है। लेकिन मानसून को पहुंचने में अभी कम से कम एक सप्ताह लग सकता है। दरअसल, मानसून आने के बाद अरब सागर के ऊपर धीमा दबाव बनने की संभावना है। ऐसा होने पर डीप डिपेशन जैसी स्थिति देखने को मिलेगी। ऐसी स्थिति में चारों ओर नमी युक्त हवाएं चलने लगती हैं, जो मानसून की गति को काफी प्रभावित करती हैं। इसका परिणाम यह निकलता है कि धीमे दबाव के कारण मानसून की स्पीड स्लो हो जाती है।
Updated on:
07 Jun 2019 01:42 pm
Published on:
07 Jun 2019 10:44 am
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