
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam Terror Attack) में मंगलवार को हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई, जिनमें से 6 महाराष्ट्र के थे। मृतकों में ठाणे जिले के डोंबिवली के अतुल मोने, संजय लेले और हेमंत जोशी, पुणे के संतोष जगदाले और कौस्तुभ गणबोटे, और पनवेल के दिलीप देसले शामिल हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र के एस बालचंद्रू, सुबोध पाटील और शोबीत पटेल घायल हुए हैं।
पहलगाम आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस हमले में पुणे के दो जिगरी दोस्तों संतोष जगदाले और कौस्तुभ गणबोटे की जान चली गई। दोनों अपने परिवार की साथ कश्मीर घुमने गए थे। लेकिन उनकी बचपन की दोस्ती का इस तरह से दुर्भाग्यपूर्ण अंत होगा, यह किसी ने नहीं सोचा था। उनके शवों को बुधवार को श्रीनगर से पुणे स्थित घर पर लाया गया। जहां राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार भी शोक व्यक्त करने पहुंचे।
इस दौरान संतोष जगदाले की पत्नी ने मांग की कि उनके पति की हत्या का बदला लेने के लिए आतंकवादियों की आंखें फोड़ दी जाएं, उन्हें गोली मार दी जाए और उनके शवों को क्षत-विक्षत कर उन्हें दियाया जाए। वहीँ, कौस्तुभ गणबोटे की पत्नी ने वरिष्ठ नेता के सामने दिल दहला देने वाला खुलासा किया।
कौस्तुभ गणबोटे की पत्नी ने बताया कि हमला अचानक हुआ, लोगों को कुछ समझ नहीं आ रहा था। मारने वाले चार लोग थे। वे हमसे अजान पढ़ने को कह रहे थे। जिसके बाद महिलाओं ने जोर-जोर से अजान पढ़ा, लेकिन आतंकियों ने उनके पतियों को मार डाला।
उन्होंने आगे बताया कि एक स्थानीय मुस्लिम घोड़ेवाला, जो उन्हें बचाने की कोशिश कर रहा था, उसे भी आतंकियों ने गोली मार दी। उसने पर्यटकों को बचाने के लिए आतंकियों से कहा कि वे मासूम लोगों को क्यों मार रहे हैं, इनकी क्या गलती है? इसके बाद आतंकियों ने उसके कपड़े उतरवाकर उसे भी गोली मार दी।
गणबोटे ने बताया कि, “सभी बहुत डरे थे और सदमे में थे। हमारे मुस्लिम घोड़ेवाले बहुत अच्छे थे, उन्होंने हमें बचाने के लिए जान जोखिम में डाली। गोलीबारी के बाद वे हमें वापस लेने आए। इस दौरान आतंकियों ने एक घोड़ेवाले के साथी से पूछा, 'अजान पढ़ सकता है क्या...कुछ सुना?' यह सुनकर हम सबने अपनी बिंदी निकाल दी और 'अल्लाह हू अकबर' के नारे लगाने लगे।“
घटना के बाद सेना और स्थानीय लोगों ने पीड़ितों की मदद की। जब हम वापस आ रहे थे तो सेना वाले घटनास्थल की ओर जा रहे थे, लेकिन तब तक आतंकी भाग चुके थे। पीड़ितों के अनुसार, बैसरन घाटी में जहां आतंकियों ने घातक हमला किया, वहां कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी।
Updated on:
24 Apr 2025 02:20 pm
Published on:
24 Apr 2025 01:19 pm
बड़ी खबरें
View Allमुंबई
महाराष्ट्र न्यूज़
ट्रेंडिंग
