scriptMaharashtra Politics Live : सुप्रीम कोर्ट के फैसले व एनसीपी नेता की मान्यता से बदली राजनीति | Maharashtra Politics Live | Patrika News

Maharashtra Politics Live : सुप्रीम कोर्ट के फैसले व एनसीपी नेता की मान्यता से बदली राजनीति

locationमुंबईPublished: Nov 27, 2019 01:56:52 pm

Submitted by:

Binod Pandey

महाविकास अघाड़ी का गठन, उद्धव ( Udhav Thakre ) हुए नेता
बदलेगी बालासाहेब ( Balasaheb Thakre ) परिवार की परंपरा, उद्धव होंगे सीएम
राज्यपाल ( Governor )को पेश किया सरकार बनाने का दावा

Maharashtra Politics Live : सुप्रीम कोर्ट के फैसले व एनसीपी नेता की मान्यता से बदली राजनीति

Maharashtra Politics Live : सुप्रीम कोर्ट के फैसले व एनसीपी नेता की मान्यता से बदली राजनीति

मुंबई. सोमवार को शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस ने होटल में 162 विधायकों का परेड कराकर अपना दम दिखाया था। सोमवार तक भाजपा के नेता 170 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे थे और यह कहते हुए सुने जा रहे थे कि बहुमत परीक्षण होटल में नहीं, क्रॉस वोटिंग या पार्टी व्हिप उनके पक्ष में जाएगा। लेकिन जैसे ही मंगलवार को सुबह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद महाराष्ट्र का सियासी सीन अचानक बदल गया। कोर्ट ने बुधवार को बहुमत परीक्षण का आदेश दिया। इसके कुछ ही घंटे बाद अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। इसके कुछ ही देर बाद देवेंद्र फडणवीस ने भी फ्लोर टेस्ट से पहले इस्तीफा दे दिया। इसके अलावा महत्वपूर्ण कड़ी एनसीपी नेता जयंत पाटील का पत्र राज्यपाल ने स्वीकार करना भी रहा। भाजपा नेता अपने दांव को पिटते देख बैकफुट पर आ गए।
सीएम देवेन्द्र फडणवीस के इस्तीफे के बाद राज्य में नई सरकार के गठन की कवायद तेज हो गई। शिवसेना, कांग्रेस और एनीसीपी की मंगलवार शाम बैठक में शिवसेना पार्टी के प्रमुख उद्धव ठाकरे को नवगठित महाविकास अघाड़ी का नेता चुना गया, और वे राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे।
ये भी पढ़े:- शरद पवार के आवास पर तीनों दलों के नेताओं की बैठक, मंत्रिमंडल को लेकर चर्चा


सीएम देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे के बाद मंगलवार को मुंबई के ट्राइडेंट होटल में शिवसेना, एनसीपी, कांग्रेस और कुछ छोटे दलों की संयुक्त बैठक में महा विकास अघाड़ी का औपचारिक तौर पर गठन किया गया। उद्धव ठाकरे को नवगठित महा विकास अघाड़ी का नेता चुन लिया गया। इसके बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में गठबंधन में शामिल दलों के नेता राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलकर सरकार बनाने का औपचारिक दावा पेश किया। शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव फिलहाल राज्य के किसी भी सदन के सदस्य नहीं है, इसलिए उन्हें छह महीने के अंदर विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य बनना होगा।
ये भी पढ़े:-उद्धव ठाकरे कल सीएम पद की लेंगे शपथ, सोनिया, आडवाणी समेत ये दिग्गज हो सकते हैं शामिल


कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर चलेगी सरकार
मीटिंग में उद्धव के महाविकास अघाड़ी का नेता चुनने के अलावा कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर भी चर्चा कर उसे अंतिम रूप दिया गया। सत्ता के बंटवारे का भी फार्मूला पेश हुआ। सूत्रों के मुताबिक इसके अनुसार उद्धव ठाकरे के सीएम होने के साथ कांग्रेस और एनसीपी से एक-एक नेता डिप्टी सीएम पद का भी शपथ ले सकते हैं। एनसीपी की तरफ से जयंत पाटील और कांग्रेस की तरफ से बालासाहेब थोराट डिप्टी सीएम बनाने पर सहमति की बात कही जा रही है।

नहीं आए अजित पवार
बैठक में सभी की निगाहें भाजपा में खेमे में गए अजित पवार को ढूंढ़ रही थी, लेकिन वह दिखाई नहीं दिए। विधायकों के अनुसार वह बैठक में शामिल नहीं हुए। बैठक में शरद पवार, उद्धव ठाकरे, अशोक चव्हाण समेत शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के कई बड़े नेता और नवनिर्वाचित विधायक शामिल हुए। समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी भी बैठक में मौजूद रहें। उनके अलावा, स्वाभिमानी पक्ष के नेता राजू शेट्टी भी बैठक में शामिल हुए।
ये भी पढ़े:-इस्तीफे के बाद फडणवीस का बड़ा ऐलान, बोले- सही समय पर दूंगा जवाब
पहली बार ठाकरे परिवार से कोई बनेगा मुख्यमंत्री
महाविकास अघाड़ी का नेता चुने जाने पर उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने की बात करीब करीब तय हो चुकी है। एक दिसंबर को मुंबई के शिवाजी पार्क में एक समारोह में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद का शपथ लेंगे। पहली बार ठाकरे परिवार से कोई मुख्यमंत्री बनेगा। अबतक ठाकरे परिवार खुद को चुनाव से दूर रखता आया था लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में परिवार ने जब इस परंपरा को तोड़कर आदित्य ठाकरे को चुनाव मैदान में उतारा था। यह संकेत था कि अब शिवसेना मुख्यमंत्री पद के लिए सारा जोर लगाएगी। 24 अक्टूबर को नतीजे घोषित होने के बाद से ही शिवसेना ने भाजपा पर आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने का दबाव डालना शुरू कर दिया। फिर बाद में जब शिवसेना नाराज होकर भाजपा को छोड़ गई और कांग्रेस, एनसीपी के साथ जुड़ गई तो वहां सभी आदित्य के बजाए उद्धव को ही सीएम बनाने पर अड़ गए, जबकि उद्धव इसके लिए तैयार नहीं हो रहे थे। बताया जा रहा है कि अब बदली परिस्थिति में उद्धव के पास इस पद को स्वीकार करने के बजाय दूसरा विकल्प नहीं बचा है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो