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अब टाइगर की कैमरा ट्रैप और ड्रोन से की जाएगी सर्चिंग

- बाघ का वायरल वीडियो निकला फर्जी, एसडीओ ने किया पुष्टि

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खेत में बाघ के पगमार्क तलाशते एसडीओ व वनकर्मी।

खेत में बाघ के पगमार्क तलाशते एसडीओ व वनकर्मी।

सिवनी. पिछले एक सप्ताह से सिवनी-छपारा के सीमावर्ती क्षेत्र में बाघ के मूवमेंट को लेकर किसानों में और क्षेत्र के लोगों में दहशत का माहौल है। इसी बीच बुधवार की रात 11 बजे एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ जिसमें बताया गया कि छपाराकला गांव के पास खेत में बाघ पहुंचा है। यह मैसेज लिखकर वीडियो वायरल किया गया। जिसके बाद इलाके में हडक़ंप मच गया और वन विभाग की टीम बाघ के मूवमेंट की सर्चिंग में जुट गई।
वन परिक्षेत्र छपारा के एसडीओ महेंद्र सिंह वन अमले के साथ छपारा कला खेत में पहुंचे और उन्होंने जिस जगह बाघ आया है वीडियो में बताया गया था। वहां का जायजा लिया, लेकिन वहां बाघ के ना तो पगमार्ग मिले, ना ही बाघ वहां आया था। पड़ताल करने पर यह पता चला कि वायरल वीडियो में जिस जगह पर बाघ के पहुंचने का दावा किया जा रहा था वह दावा फर्जी निकला है। वीडियो एक साल पुराना है, जिसे छपारा बाघ के मूवमेंट की बात लिखकर फैलाया गया था।


एसडीओ ने बताया कि बाघ की लास्ट लोकेशन देवरी कला और सडक़ सिवनी के पास 23 दिसंबर को मिली थी, इसके बाद से बाघ की कोई नई लोकेशन ट्रैक नहीं की गई है। उन्होंने क्षेत्र के किसानों और लोगों से कहा है कि कोई भी फर्जी वीडियो वायरल ना करें, किसानों को भी खेतों में जाते समय सतर्कता बरतने के लिए कहा है।


कैमरा ट्रैप, ड्रोन से भी होगी तलाश
बाघ के मूवमेंट को लेकर देवरीकला और अन्य जगह जहां बाघ दिखाई दिया था, वहां अब ट्रैप कैमरा लगाने और ड्रोन सर्वे की तैयारी है। एसडीओ मनेंद्र सिंह ने कहा है कि यदि कहीं पर भी बाघ का मूवमेंट मिलता है तो उस क्षेत्र में ट्रैप कैमरे लगाए जाएंगे और ड्रोन से सर्वे कराया जाएगा, ताकि बाघ का पता लग सके। फिलहाल किसान और क्षेत्र को लोगों को सतर्कता बरतने की जरूरत है, किसी भी तरह का वीडियो या फोटो आती है तो अधिकारियों से संपर्क कर पहले इसकी पुष्टि करना चाहिए, ताकि कोई फर्जी मैसेज या फोटो-वीडियो वायरल न हो। इससे लोग भयभीत होते हैं।

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