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<strong>अतीक अहमद इलाहाबाद</strong> की फूलपुर से सांसद रह चुके हैं। इसके पहल वह विधायक भी रहे हैं। अतीक का जन्म इलाहाबाद 10 अगस्त 1962 को इलाहाबाद में हुआ था। अतीक का बैकग्राउंट क्रिमिनल है। उनकी इलाहाबाद और उत्तर प्रदेश में एक आपराधिक छवि रही है। उन्हें बाहुबली और माफिया के नाम से संबोधित किया जाता है। अतीक के अलावा उनका छोटा भाई खालिद अजीम अशरफ भी उनका साथी है, जिनपर हत्या जैसे संगीन आरोपों में मुकदमे हैं। फिलहाल अतीक अहमद यूपी के देवरिया जेल में बंद हैं। अशरफ भी कुछ मामलों में वांछित हैं और फरार चल रहे हैं। अशरफ भी पूर्व विधायक रह चुके हैं। अतीक अहमद और उनके भाई पर बसपा के विधायक रहे राजू पाल की हत्या का आरोप है। इसका मुकदमा कोर्ट में लम्बित है। राजू पल का बैकग्राउंड भी क्रिमिनल रहा था। 2014 के लोकसभा चुनाव में दिये गए एफिडेविट के मुताबिक अतीक अहमद पर कुल 42 केस पेंडिंग हैं। इनमें छह-छह हत्या और हत्या के प्रयास व चार अपहरण जैसे संगीन आरोप भी शामिल हैं। 1989 में पहली अतीक पहली बार इलाहाबाद पश्चिमी विधानसभा सीट से विधायक चुने गए। वह निर्दलीय 1991 और 1993 का चुनाव लड़े और विधायक बने। समाजवादी पार्टी ने भी 1996 में इसी सीट पर अतीक को टिकट दिया और वह विधायक बन गए। अतीक 1999 में अपना दल में गए और प्रतापगढ़ से चुनाव लड़कर हार गए। पर 2002 में अपना दल से ही वह विधायक बन गए। 2003 में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनते ही वह फिर मुलायम सिंह के साथ हो गए। 2004 में सपा ने अतीक को लोकसभा का टिकट फूलपुर संसदीय सीट से दिया और वह जीतकर सांसद बने। अतीक अहमद के सांसद बनने के बाद इलाहाबाद पश्चिम सीट खाली हुई तो उस पर उनके भाई अशरफ ने हाथ आजमाया, पर सामने थे बसपा के उम्मीदवार राजू पाल। अशरफ हार गए और राजू पाल विधायक बने। 25 जनवरी, 2005 को राजू पाल की हत्या कर दी गयी। इसका आरोप अतीक अहमद और उनके भाई पर आया। 2007 में मायावती के सत्ता में आने पर अतीक अहमद भूमिगत हो गए। &nbsp; बाद में उन्होंने दिल्ली में आत्मसमर्पण किया। इस दौरान अतीक पर एक के बाद एक कई मुकदमे दर्ज हो चुके थे। मायावती के कार्यकाल में अतीक के बड़े प्रोजेक्ट पर बुलडोजर चलवा दिया गया था। 2013 में सपा सरकार आई तो अतीक एक बार फिर समाजवादी पार्टी की साइकिल पर सवार हो गए। 2014 में वह सपा के टिकट पर श्रावस्ती से चुनाव में उतरे पर जीत नहीं सके। &nbsp; अतीक अहमद पर इलाहाबाद के नैनी स्थित शुआट्स विश्वविद्यालय में असलहे से लैस समर्थकों संग जाकर वहां के कर्मचारियों और शिक्षक की पिटायी का भी आरोप है। इस घटना के बाद ही कोर्ट के आदेश पर अतीक की जमानत रद कर उन्हें जेल भेज दिया गया।