2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने कैराना से पूर्व राज्‍यसभा सांसद हरेंद्र सिंह मलिक को मौका दिया है। हरेंद्र मलिक जाट नेता हैं। उनकी गिनती पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश के बड़े जाट नेताओं में होती है। हरेंद्र मलिक का बेटा पंकज मलिक इस समय शामली से विधायक हैं। <strong>जीवन परिचय</strong> हरेंद्र सिंह मलिक का जन्‍म 15 फरवरी 1954 को मुजफ्फरनगर के काजीखेड़ा गांव में हुआ है। उनके पिता का नाम जगजीत सिंह है। उन्‍होंने मुजफ्फरनगर के डीएवीपीजी कॉलेज से पढ़ाई की है। हरेंद्र मलिक ने एलएलबी की हुई है। उनकी पत्‍नी का नाम राजकुमारी हैं। दोनों के दो बेटे और एक बेटी हैं। <strong>राजनीतिक सफर</strong> हरेंद्र मलिक ने राजनीतिक जीवन की शुरुआत रालोद मुखिया अजित सिंह के साथ की थी। उस समय वह जनता दल में थे। हरेंद्र मलिक 1989 में सबसे पहले जनता दल के टिकट पर खतौली से विधायक बने थे। इसके बाद वह लोकदल के टिकट पर मुजफ्फरनगर की बघरा सीट से चुनाव जीते। 1996 में अजित सिंह ने भारतीय किसान कामगार पार्टी बनाई। उसके टिकट पर हरेंद्र मलिक ने बघरा से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। इसके बाद हरेंद्र मलिक समाजवादी पार्टी (सपा) में चले गए। यहां से वह इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) में चले गए और राज्‍यसभा सांसद बने। फिर इन्‍होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया। कांग्रेस के टिकट पर उन्‍होंने अपने बेटे पंकज मलिक को बघरा से विधायक बनवाया। इसके बाद 2012 में पंकज मलिक फिर शामली से विधायक बने। हरेंद्र मलिक की पहचान पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश के मंझे हुए राजनीतिज्ञों में होती है।
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