
Pakistan's terrorism (representational Photo)
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की आतंकवाद से निपटने वाली तीन प्रमुख समितियां काउंटर टेररिज़्म कमेटी, अल-कायदा प्रतिबंध समिति (1267) और तालिबान प्रतिबंध समिति (1988) आधा साल बीत जाने के बाद भी अध्यक्ष विहीन हैं। इसकी वजह पाकिस्तान (Pakistan) की अड़ंगेबाजी और इनमें से किसी एक समिति की कमान पाने की जिद है जबकि पश्चिमी देश इसके खिलाफ है क्योंकि पाकिस्तान पर लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों को पनाह देने के आरोप हैं।
पाकिस्तान इस साल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का निर्वाचित सदस्य है। साथ ही उसके तालिबान से भी विवादास्पद संबंध रहे हैं। समिति प्रमुखों की नियुक्ति आम सहमति से होती है और इसी प्रक्रिया का लाभ उठाकर पाकिस्तान निर्णयों को अटका रहा है।
फिलहाल जब तक अध्यक्ष तय नहीं होते, परिषद की मासिक अध्यक्षता करने वाला देश इन समितियों का अंतरिम नेतृत्व संभालता है। ऐसे में जुलाई में पाकिस्तान की अध्यक्षता के दौरान वो इन समितियों का कार्यभार अपने हाथ में ले सकता है।
भारत ने जब 2020–22 के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सदस्यता निभाई थी, तब उसने काउंटर टेररिज़्म कमेटी की अध्यक्षता की थी और मुंबई के 26/11 आतंकी हमलों की जगह पर इसकी एक बैठक भी करवाई थी। पाकिस्तान इसी मिसाल का हवाला देकर अध्यक्षता मांग रहा है, लेकिन परिषद में सहमति नहीं है। इसी तरह वो तालिबान प्रतिबंध समिति की अध्यक्षता के लिए जोर दे रहा है ताकि अफगानिस्तान पर दबाव बना सके।
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Updated on:
03 Jun 2025 10:39 am
Published on:
03 Jun 2025 10:38 am
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