
भारत (India) और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच तनाव की स्थिति बढ़ती ही जा रही है। पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terrorist Attack) का बदला लेने के लिए भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' (Operation Sindoor) लॉन्च किया और पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक्स की। तभी से दोनों देशों के बीच जंग जैसे हालात बन गए हैं। पाकिस्तानी सेना लगातार LoC और इंटरनेशनल बॉर्डर पर सीज़फायर का उल्लंघन कर रही है और भारत के कई शहरों पर ड्रोन्स और मिसाइल से हमले कर रहा है। हालांकि भारत का डिफेंस सिस्टम पाकिस्तान के सभी हमलों को नाकाम कर रहा है। भारत ने भी पिछली रात पाकिस्तान के 3 एयरबेस पर हवाई हमले किए, जिनसे पाकिस्तान को नुकसान होने की जानकारी सामने आ रही है। इसी बीच आईएमएफ (इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड – IMF) ने एक ऐसा फैसला लिया है जिससे भारत को काफी निराशा हुई है।
देर रात आईएमएफ की मीटिंग में पाकिस्तान को 1 बिलियन डॉलर्स (करीब 8,500 करोड़ रुपये) के लोन को मंजूरी दे दी गई है। यह फैसला भारत के विरोध के बावजूद लिया गया। पाकिस्तान को लोन दिए जाने के फैसले पर हुई वोटिंग में भारत ने वोट नहीं दिया, क्योंकि आईएमएफ लोन को ग्रीन सिग्नल देने के लिए होने वाली वोटिंग में 'नहीं' का ऑप्शन उपलब्ध नहीं होता।
आईएमएफ ने ने लचीलापन और स्थिरता सुविधा (आरएसएफ) के तहत एक व्यवस्था के लिए अधिकारियों के उस अनुरोध को भी मंजूरी दे दी, जो लगभग 1.4 बिलियन डॉलर्स (11,000 करोड़) की पहुंच के साथ प्राकृतिक आपदाओं से बचाव में पाकिस्तान के प्रयासों का समर्थन करेगी।
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भारत के प्रतिनिधि ने आईएमएफ की मीटिंग में पाकिस्तान को लोन न दिए जाने की सभी दलीलें दी और बताया कि कैसे पाकिस्तान इस फंडिंग का इस्तेमाल आतंकवाद को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करेगा। हालांकि भारत के विरोध के बावजूद आईएमएफ ने पाकिस्तान को लोन दिया, जिसका देशभर में जमकर विरोध हो रहा है। भारत ने यह भी कहा कि पाकिस्तान लंबे समय से आईएमएफ से भीख मांगने वाले देशों में से एक रहा है और आईएमएफ के नियमों को लागू करने के मामले में भी उसका ट्रैक रिकॉर्ड काफी खराब रहा है।
सोशल मीडिया पर लोग जमकर आईएमएफ के इस फैसले की निंदा कर रहे हैं। सोशल मीडिया यूज़र्स आईएमएफ को आतंकवाद की मदद करने वाली संस्था बता रहे हैं। इसके साथ ही #IMFSupportsTerrorism, #IMFSupportsTerrorists और #ShameOnIMF जैसे हैशटैग भी काफी ट्रेंड कर रहे हैं। लोग आईएमएफ को 'इंटरनेशनल मुजाहिदीन फंड' भी कह रहे हैं।
भले ही पाकिस्तान को आईएमएफ से लोन मिल गया है, लेकिन लॉन्ग टर्म में उसे इसका फायदा नहीं मिलेगा। भारत और पाकिस्तान के बीच वर्तमान में युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं और दोनों की तरफ से एक-दूसरे पर हवाई हमले किए जा रहे हैं। पाकिस्तान जहाँ नागरिकों के ठिकानों को निशाना बनाने से भी पीछे नहीं हट रहा, तो भारत सिर्फ पाकिस्तानी आतंकी ठिकानों और एयरबेसों को ही निशाना बना रहा है। भारत के आईएमएफ की तरफ से पाकिस्तान को दिए जाने वाले लोन का विरोध करने की वजह यह थी कि सभी को पता है कि पाकिस्तान इस फंडिंग के इस्तेमाल भारत के खिलाफ जंग में और आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए ही करेगा। हालांकि आईएमएफ ने पाकिस्तान को यह लोन उसकी खराब आर्थिक स्थिति से उबरने के नाम पर दिया है। पाकिस्तान की कंगाल आर्थिक स्थिति किसी से भी छिपी नहीं है। देश की अर्थव्यवस्था की कमर टूटी हुई है। महंगाई काफी बड़ी हुई है और देश काफी समय से आर्थिक संकट से जूझ रहा है। देश की जनता इससे काफी परेशान है। ऐसे में भले ही पाकिस्तान आईएमएफ की फंडिंग का इस्तेमाल जंग के लिए और आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए करे, लॉन्ग टर्म में उसे इसका कोई फायदा नहीं मिलेगा क्योंकि देश की जनता पर महंगाई की मार पड़ना जारी रहेगी और पाकिस्तान खुद भी अपने देश में बढ़ रहे आतंकवाद से बच नहीं पाएगा।
Updated on:
10 May 2025 10:18 am
Published on:
10 May 2025 09:26 am
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