
Terrorist Sajid Mir
भारत (India) और पाकिस्तान (Pakistan) में बढ़ रहा तनाव दुनियाभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। भारत ने पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terrorist Attack) का आरोप पाकिस्तान पर लगाया, क्योंकि इस हमले को पाकिस्तानी आतंकियों ने ही अंजाम दिया था। इस आतंकी हमले का जवाब देने के लिए 7 मई को आधी रात को भारतीय आर्मी और एयर फोर्स ने जॉइंट ऑपरेशन लॉन्च करते हुए पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक्स की। भारत के इस एक्शन के बाद पाकिस्तान में हाहाकार मच गया। इस ऑपरेशन से पाकिस्तान में कई आतंकियों के मारे जाने की खबर है। 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद इसकी प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय आर्मी की कर्नल सोफिया कुरैशी (Sofiya Qureshi) और भारतीय एयरफोर्स की विंग कमांडर व्योमिका सिंह (Vyomika Singh) के साथ विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री (Vikram Misri) ने भी हिस्सा लिया। इस दौरान मिस्त्री ने बताया कि पाकिस्तान कैसे दुनिया को गुमराह करता है।
'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद इसकी प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव मिस्त्री ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा से ही दुनिया को गुमराह करता आया है और इसके लिए उन्होंने एक उदाहरण भी दिया। मिस्त्री ने लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) के खूंखार आतंकी साजिद मीर (Sajid Mir) का ज़िक्र किया, जिसके विषय पर पाकिस्तान कई सालों से पूरी दुनिया को बरगला रहा है। साजिद को पाकिस्तान ने मृत घोषित कर दिया था, लेकिन बाद में इंटरनेशनल प्रेशर के चलते पाकिस्तान को घोषित करना पड़ा कि साजिद ज़िंदा है और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
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साजिद एक ऐसा पाकिस्तानी आतंकी है, जो भारत के साथ ही अमेरिका (United States Of America) में भी मोस्ट वॉन्टेड है। हालांकि तमाम खुफिया एजेंसियों के होने के बावजूद अमेरिका भी अब तक साजिद की सही कुंडली नहीं बना पाया है। पढ़कर मन में सवाल आना स्वाभाविक है कि इसकी क्या वजह है? दरअसल अमेरिका को भी नहीं पता कि साजिद का जन्म कब हुआ? साजिद की वास्तविक जन्मतिथि अभी भी एक गुत्थी बनी हुई है, जिसे अमेरका भी नहीं सुलझा पाया है। इसी वजह से इंटरनेट और डेटाबेस में साजिद को दो अलग-अलग जन्मतिथियाँ 31 जनवरी, 1976 और 1 जनवरी, 1978 हैं, जिनमें से कौनसी सही है, इस बारे में अमेरिका की कोई एजेंसी नहीं जानती। इस बात की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि साजिद की वास्तविक जन्मतिथि इन दोनों के अलावा कुछ और है।
साजिद, 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमलों के मुख्य मास्टरमाइंड्स में से एक था। पाकिस्तान ने उसे मृत घोषित कर दिया था, लेकिन बाद में इंटरनेशनल प्रेशर के चलते उसे जीवित घोषित करना पड़ा और यह भी बताना पड़ा कि उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि उसे सच में गिरफ्तार नहीं किया गया था। पाकिस्तान ने ऐसा इसलिए किया जिससे दिखा सकें कि वो एक खूंखार आतंकी के खिलाफ वही कार्रवाई कर रहे हैं जिसकी उम्मीद वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) पाकिस्तान से कर रही थी। यह संस्था दुनियाभर में आतंकवाद को फंडिंग देने वाले देशों और संस्थाओं पर निगरानी रखती है। पाकिस्तान उस समय FATF के साथ बातचीत कर रहा था ताकि अंतर्राष्ट्रीय धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने में विफल रहने के कारण बढ़ी हुई निगरानी के तहत न्यायालयों की ग्रे सूची वाले देशों से बाहर निकल सके। FATF ने अक्टूबर 2022 में पाकिस्तान को इस सूची से हटा दिया।
अमेरिकी न्याय विभाग का कहना है कि साजिद पाकिस्तान में ही छिपा हुआ है। साजिद को गिरफ्तार किया जा सके, इसके लिए अमेरिकी न्याय विभाग ने उसकी सूचना देने वाले के को 55 मिलियन डॉलर्स तक का इनाम देने की घोषणा कर रखी है। 26/11 मुंबई आतंकी हमले के अलावा साजिद कई आतंकी साजिशों का अहम हिस्सा रहा है
Published on:
09 May 2025 01:25 pm
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