
जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर (File Photo)
भारत (India) ने 'पहलगाम आतंकी हमले' (Pahalgam Terrorist Attack) का बदला लेने के लिए पाकिस्तान (Pakistan) में आतंकी ठिकानों को तबाह करने के लिए 'ऑपरेशन सिंदूर' (Operation Sindoor) को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। इसमें न सिर्फ करीब 9 आतंकी संगठन तबाह हुए, बल्कि सैकड़ों आतंकी भी मारे गए। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) को भारत की इस कार्रवाई से काफी नुकसान हुआ था। जैश का नेटवर्क भी चरमरा गया। लेकिन अब आतंकी संगठन दोबारा अपना नेटवर्क खड़ा करना चाहता है और इसके लिए उसने काम भी शुरू कर दिया है।
जैश-ए-मोहम्मद, अपने नेटवर्क को दोबारा खड़ा करने की तैयारी कर रहा है। आतंकी संगठन की योजना पूरे पाकिस्तान में 313 नए मरकज बनाने की है। इस नेटवर्क को खड़ा करने के लिए जैश ने 3.91 बिलियन पाकिस्तानी रूपए जुटाने का लक्ष्य तय किया है।
3.91 बिलियन जुटाकर जैश-ए-मोहम्मद जो नए ठिकाने बनाना चाहता है, वो नए आतंकियों को ट्रेनिंग देने और सुरक्षित आश्रय प्रदान करने के काम आएंगे। साथ ही ये ठिकाने जैश सरगना मसूद अज़हर (Masood Azhar) और उसके परिवार के लिए भी सुरक्षित अड्डे होंगे।
हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद और उसका भाई तल्हा अल सैफ, जैश के लिए फंड जुटाने का काम संभाल रहे हैं। आतंकी संगठन ने ऑनलाइन फंड इकट्ठा करने के लिए ईजीपैसा और सदापे जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल की योजना बनाई गई है। इसके अलावा जैश के कमांडर मस्जिदों में शुक्रवार की नमाज के दौरान भी चंदा इकट्ठा कर रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार आतंकी संगठन जो चंदा जुटा रहा है, उसे गाज़ा में मानवीय सहायता के नाम पर दिखाया जा रहा है। लेकिन असल में इसका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए हो रहा है।
जैश-ए-मोहम्मद की यह गतिविधि भारत के लिए नई चुनौती है। आतंकी संगठन चाहता है कि 'ऑपरेशन सिंदूर' से हुए नुकसान की भरपाई करके फिर से बॉर्डर पार आतंकवाद को बढ़ावा दिया जाए। नए आतंकी शिविरों का जाल फैलाने से कश्मीर घाटी में आतंक फैलाने की साजिश तेज हो सकती है। भारत के सुरक्षा तंत्र को इस पुनर्गठन पर करीबी निगरानी रखने के नए सिरे से प्रयासों की ज़रूरत होगी।
Updated on:
23 Aug 2025 09:39 am
Published on:
23 Aug 2025 09:34 am
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