
India-Pakistan Attack: परिवार के साथ छुट्टियां बिताने आए थे। बच्चों के एडमिशन, स्कूल फीस जमा करानी थी तो किसी को मकान का निर्माण कराना था। मां के ऑपरेशन की डेट आ रही थी, लेकिन एक कॉल आया और वे परिवार को छोड़कर देश सेवा के लिए निकल गए।
घर के काम तो हम कर लेेंगे, लेकिन अभी देश को उनकी जरूरत है। वे सीमा पर देश के लिए लड़ेंगे तो हम घर पर रहकर उनका हौसला बढ़ाएंगे। यह कहना है उन पत्नियों का जिनके पति सेना में हैं। जयपुर निवासी ऐसे ही परिवारों से पत्रिका ने बातचीत की।
पति जम्मू में तैनात हैं। स्कूल शुरू हो रहा है। ऐसे में बच्चों की किताब, कॉपी और ड्रेस आदि सब काम करने थे। इसीलिए वे 45 दिन की छुट्टी लेकर आए। उन्हें गुरुवार रात को कॉल आ गया और छुट्टियां रद्द कर दी। वो अगले दिन सुबह ही निकल गए।
झालाना डूंगरी निवासी बबलू कंवर का कहना है कि हमें गर्व है कि सेना में जिस उद्देश्य के लिए भर्ती हुए, उसका समय आ गया है। घर की जिम्मेदारियों से पहले देश की जिम्मेदारी है।
झोटवाड़ा निवासी कमला कंवर के पति जम्मूू में तैनात हैं। उनका कहना है कि पति मई में छुट्टी पर आने वाले थे। दस मई की ट्रेन थी, लेकिन भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को देख छुट्टियां रद्द हो गई। घर के कई काम निपटाने थे, लेकिन उनका कॉल आया और बोले अभी यहां जरूरत है। देश की सेवा का समय आया है।
झोटवाड़ा निवासी ज्योत्सना राठौड़ के पति जम्मू में आर्मी ऑफिसर है। भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच उनकी व्यस्तता बढ़ गई है।
ऐसे में राठौड़ का कहना है कि देश की सेवा का मौका बार-बार नहीं आता। ऐसे में उन्हें कहा गया है कि घर की चिंता मत करो। आप देश की सेवा करो। ज्योत्सना के पिता जितेन्द्र सिंह राठौड़ का कहना है कि पूरा परिवार देश की सेवा करता आया है।
Updated on:
10 May 2025 11:20 am
Published on:
10 May 2025 09:49 am
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