Air India Plane Crash: 12 जून को अहमदाबाद में एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जब एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, जो लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भर रही थी, टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद मेघानीनगर इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान में सवार 242 यात्रियों और क्रू मेंबर्स में से केवल एक व्यक्ति ही जीवित बचा। इस त्रासदी ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया, लेकिन इस दुखद घटना के बीच कुछ ऐसी कहानियां सामने आईं, जो मां की ममता और भाग्य के चमत्कार को दर्शाती हैं। ऐसी ही एक कहानी है यमन व्यास की, जिनकी मां के एक वाक्य ने उनकी जान बचा ली।
यमन व्यास, जो कई सालों से यूके में वर्क परमिट पर काम कर रहा हैं, लगभग दो साल बाद अपने परिवार से मिलने वडोदरा आया था। परिवार के साथ छुट्टियां बिताने के बाद वे 12 जून को लंदन वापस जाने वाले थे। उनकी मां को बेटे की इस लंबी विदाई का दुख सता रहा था, क्योंकि यमन की अगले एक साल तक भारत लौटने की कोई योजना नहीं थी। मां का दिल अपने बेटे को इतनी जल्दी विदा करने को तैयार नहीं था।
आखिरी पल में, जब यमन जाने की तैयारी कर रहे थे, उनकी मां की आंखों में आंसू आ गए और उन्होंने गुजराती में कहा, "थोड़ा दिवस रोकई जा ने, बेटा" यानी "कुछ दिन और रुक जाओ, बेटा।" मां की इस भावुक पुकार ने यमन का दिल पिघला दिया। उनके पिता ने भी उन्हें कुछ दिन और रुकने की सलाह दी। मां की आंखों में आंसू को देखकर यमन ने तुरंत अपना टिकट कैंसल करवा दिया।
वहीं उसी दिन दोपहर को जब यमन ने सुना कि जिस फ्लाइट से उन्हें लंदन जाना था, वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। यमन को एहसास हुआ कि उनकी मां की भावुकता और आंसुओं ने उनकी जान बचा ली। यह एक ऐसा क्षण था, जो मां-बेटे के अटूट रिश्ते को और गहरा कर गया। यमन ने कहा, "मेरी मां ने मुझे एक तरह से दूसरा जन्म दिया है।"
ऐसी ही कुछ कहानी जयेश ठक्कर की भी है। दरअसल, जयेश ठक्कर काम के सिलसिले में लंदन जाने वाले थे। जयेश भी इसी विमान से लंदन जाने वाला थे, लेकिन कोलकाता में उनका काम अटक गया। जयेश को लगा कि देर हो गई है और वह अहमदाबाद नहीं पहुंच पाएंगे तो उन्होंने अपना टिकट बदल लिया। बाद में उन्हें पता चला कि इस देरी की वजह से ही उनकी जान बच गई।
Updated on:
15 Jun 2025 07:13 pm
Published on:
15 Jun 2025 07:12 pm