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‘ये मोदी सरकार और भाजपा के मुंह पर जोरदार तमाचा’…प्रोफेसर अली खान की बेल पर बोली AAP

Sanjay Singh: AAP नेता संजय सिंह ने कहा "प्रोफ़ेसर अली खान को बिना किसी सबूत जबरन गिरफ़्तार किया गया था। जबकि भारतीय सेना की बहादुर बेटी का अपमान करने वाला BJP का मंत्री विजय शाह खुलेआम घूम रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने अब मोदी सरकार और भाजपा के मुंह पर जोरदार तमाचा मारा है।"

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Sanjay Singh: 'ये मोदी सरकार और भाजपा के मुंह पर जोरदार तमाचा'...प्रोफेसर अली खान की बेल पर बोली AAP

Sanjay Singh: 'ये मोदी सरकार और भाजपा के मुंह पर जोरदार तमाचा'...प्रोफेसर अली खान की बेल पर बोली AAP (फोटो/@SanjayAzadSln)

Sanjay Singh: ऑपरेशन सिंदूर के बाद कर्नल सोफिया कुरैशी की प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर सवाल उठाने वाले हरियाणा की सोनीपत स्थित अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी। इसपर आम आदमी पार्टी भाजपा पर हमलावर हो गई है। बुधवार को आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने अपने सोशल मीडिया 'X' अकाउंट पर लिखा "ये मोदी सरकार और BJP के मुंह पर जोरदार तमाचा है। प्रोफेसर अली खान को बिना किसी सबूत जबरन गिरफ्तार किया गया था। भारतीय सेना की बहादुर बेटी का अपमान करने वाला BJP का मंत्री विजय शाह खुलेआम घूम रहा है। देश के पक्ष में सच बोलने वाला प्रोफ़ेसर अली ख़ान जेल में। तानाशाही मुर्दाबाद।"

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, ऑपरेशन सिंदूर के बाद हरियाणा के सोनीपत स्थित अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद ने सवाल उठाए थे। भाजपा युवा मोर्चा के महासचिव योगेश जठेरी ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें उन्होंने अली खान महमूदाबाद पर देश की दो महिला सैन्य अधिकारियों कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह की प्रेस ब्रीफिंग को ‘दिखावा और पाखंड’ बताने का आरोप लगाया था। प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की इस टिप्पणी को लेकर सोशल मीडिया पर भारी विरोध जताया गया था। उनकी इस टिप्पणी को कई लोगों ने देश की सेना और महिला अधिकारियों का अपमान बताया। महिला आयोग ने भी इस पर आपत्ति जताते हुए उन्हें नोटिस जारी किया था।

यह भी पढ़ें : कर्नल सोफिया पर टिप्पणी में प्रोफेसर गिरफ्तार, कौन हैं ‘राजा साहब’ के बेटे अली खान महमूदाबाद?

अपनी शिकायत में भाजपा युवा मोर्चा के महासचिव योगेश जठेरी ने बताया था कि भारतीय सेना ने 6 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकियों के ठिकानों पर कार्रवाई की थी। यह जवाबी हमला 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद किया गया था। इस ऑपरेशन की जानकारी कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने एक विशेष प्रेस ब्रीफिंग के जरिए दी थी। इस ब्रीफिंग के बाद अली खान महमूदाबाद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट डालकर इसे 'दिखावटी' बताया और सेना के प्रयासों पर सवाल उठाए। आरोप था कि उन्होंने प्रेस ब्रीफिंग को ‘पाखंड’ कहा और दक्षिणपंथी वर्ग से उन लोगों के लिए भी सुरक्षा की मांग करने की अपील की जिन्हें भीड़ हिंसा या संपत्ति विनाश का सामना करना पड़ा है।

अशोका यूनिवर्सिटी का भी आया रिएक्‍शन

सुप्रीम कोर्ट से प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को जमानत मिलने के बाद सोनीपत की अशोका यूनिवर्सिटी का भी बयान सामने आया है। अशोक यूनिवर्सिटी की ओर जारी बयान में कहा गया है "हम प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंतरिम जमानत दिए जाने राहत और प्रसन्नता महसूस कर रहे हैं। इससे उनके परिवार और अशोका विश्वविद्यालय में हम सभी को बहुत राहत मिली है।"

इससे पहले प्रोफेसर अली खान की गिरफ्तारी पर भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपना बयान जारी किया था। इसमें कहा गया था “हमें जानकारी मिली है कि प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को आज सुबह पुलिस ने हिरासत में लिया है। हम मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं और पुलिस तथा प्रशासन के साथ पूर्ण सहयोग करेंगे।” अब सुप्रीम कोर्ट ने प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को अंतरिम जमानत दे दी है।

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