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बेटे की मौत के बाद सुदान गुरुंग ने Hami Nepal का किया था गठन, 10 साल पहले बने संगठन ने कर दिया नेपाल में तख्तापलट

Hami Nepal: नेपाल विद्रोह का बड़ा चेहरा बनकर Sudan Gurung उभरे हैं। भूकंप में बेटे को गंवाने के बाद उन्होंने हामी नेपाल का गठन किया और सिर्फ 10 वर्ष में देश के लाखों युवाओं के नेता बन गए।

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Hami Nepal

नेपाल विद्रोह का बड़ा चेहरा बने हामी नेपाल के कर्ताधर्ता सुदान गुरुंग (Photo: IANS)

Hami Nepal Detailed: नेपाल में प्रधानमंत्री केपी शर्मा औली सरकार को सत्ता से बेदखल करने के बाद हामी नेपाल (Hami Nepal) सुर्खियों में आया। इस घटना से पहले नेपाल के हामी संगठन को यहां के लोग ही जानते थे। देश के बाहर इनकी चर्चा शायद ही कभी कहीं हुई हो? हामी नेपाल Gen Z आंदोलन का हिस्सा है। क्या है हामी नेपाल? आइए जानते हैं।

10 साल पहले शुरू हुआ था हामी नेपाल

हामी नेपाल देश में व्याप्त भ्रष्टाचार, कुप्रबंधन और जवाबदेही की कमी से तंग आ चुके विभिन्न युवा समूहों के एक बैनर के तले इकट्ठा करने का प्रयास काफी समय से कर रहा है। 10 वर्ष पूर्व शुरू हुआ हामी नेपाल संगठन से जुड़े Gen Z साथी अब देश में अंतरिम सरकार बनाने के लिए सेना के साथ बातचीत में शामिल हो चुके हैं।

हामी नेपाल एक एनजीओ है

हामी नेपाल एक गैर-लाभकारी संस्था है। इस संगठन का आदर्श वाक्य 'जनता के लिए, जनता द्वारा' है। इसका उद्देश्य देश के जरूरतमंद समुदायों और व्यक्तियों की सहायता करना रहा है। इस संगठन की स्थापना 2015 में आए प्रलंयकारी भूकंप के बाद हुई थी। हालांकि इस संस्था को दुनिया में कोविड महामारी के दौरान 2020 में औपचारिक रूप से पंजीकृत कराया गया।

सुदान गुरुंग हैं हामी नेपाल का लीडर

हामी नेपाल का नेतृत्व 36 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता सुदान गुरुंग (Sudan Gurung) करते हैं। देश के प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ संदुक रुइत (Sanduk Ruit) , सुदान गुुरुंग के मार्गदर्शक हैं। वर्ष 2015 में प्रलंयकारी भूकंप में गुरुंग बेटे की मौत हो गई थी। उन्होंने इस हादसे के बाद समाज और देश हित में काम करने के लिए इस संगठन की शुरुआत की थी। वर्तमान समय में संगठन के लाखों सदस्य हैं और उसमें लगातार इजाफा हो रहा है। गुुरुंग ने युवाओं को संगठित करने के लिए इंस्टाग्राम, डिस्कॉर्ड और व्हाटस्एप का इस्तेमाल किया।

आपदा और महामारी में संगठन ने लोगों की मदद की

हामी नेपाल ने कोविड महामारी के दौरान बीर अस्पताल की कोविड इकाई को 400 से ज़्यादा कंबल दान में दिए। इसी महामारी के दौरान प्लाज़्मा और ऑक्सीजन बैंक बनाना और ग्रामीण ज़िलों में बच्चों को स्कूल जैकेट वितरित किए। वर्ष 2023 के नेपाल के जाजरकोट में भूकंप के बाद राहत कार्य शुरू किया और 13,000 से ज़्यादा परिवारों के राहत शिविर चलाए। उन शिविरों में भोजन और चिकित्सा सहायता प्रदान की। इसने 2023 में आए भूकंप के बाद तुर्की को भी सहायता भेजी थी। इस साल नेपाल में आई बाढ़ के दौरान बचाव और राहत कार्यों में भी यह संगठन सक्रिय रूप से शामिल रहा। पिछले साल आई बाढ़ के दौरान हामी नेपाल ने सौर ऊर्जा से चलने वाली लाइटें दान की थीं।

कहां से होती है हामी नेपाल की फंडिंग?

Nepal Hami Funding: यह सवाल उठ रहा है कि हामी नेपाल की फंडिंग कहां से होती है? हामी नेपाल के चैरिटी कार्यों के लिए फंडिंग देश की जनता करती है। संगठन की पॉलिसी है कि जनता का पैसा, जनता की जरूरतों को पूरी करने में लगना चाहिए। हामी नेपाल हर साल अपने आय-व्यय का ब्यौरा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और वेबसाइट पर प्रकाशित करता है।

ओडिशा में नेपाली छात्रा की मौत के बाद संगठन ने की थी अपील

वर्ष 2025 की की शुरुआत में ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में केआईआईटी विश्वविद्यालय में नेपाली छात्रा प्रकृति लामसाल (KIIT Studend Death) की मौत के बाद हामी नेपाल ने अपने इंस्टाग्राम के जरिए भारत और ओडिशा सरकार से न्याय की मांग की थी। संगठन ने भारत में नेपाली छात्रों और जनता की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी।

Nepobaby ट्रेंड से युवाओं को मिला हौसला

टिकटॉक पर अंतर्राष्ट्रीय #Nepobaby ट्रेंड से रैली को ताकत मिलता रहा। युवा नेपालियों ने इसका उपयोग शक्तिशाली राजनेताओं और राजनीतिक रूप से जुड़े प्रभावशाली लोगों के वंशजों को बेनकाब करने के लिए किया। युवाओं ने सोशल मीडिया पर अपनी आकर्षक जीवन शैली का प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया। संगठन का मानना है कि एक ओर नेपाल के अधिकांश नागरिक नागरिक बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और खराब सेवा वितरण से जूझ रहे हैं और दूसरी ओर देश के कुछ प्रतिशत लोग ऐशोआराम का प्रदर्शन कर रहे हैं। इस अभियान के साथ बहुत तेजी से युवा जुड़ते गए। वहीं सत्ता में बैठी औली सरकार ने सोशल मीडिया पर पूरी तरह पाबंदी लगाकर आग में घी डालने का काम किया।

#NepalProtestमें अब तक