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<strong>विवरण</strong> दीवान-ए-आम आगरा किला में स्थित है। दीवाने-ए-आम आगरा के लालकिले का महत्वपूर्ण स्थान है। दीवान-ए-आम में मुगल बादशाह आम जनता की फरियाद सुनते थे और अधिकारियों से बात करते थे। आगरा किला के दीवान-ए-आम का आकर्षण मयूर सिंहासन हुआ करता था, जिसे तख्त-ए-ताऊस भी कहा जाता है। इतिहासकारों के मुताबिक पहले दीवाने-ए-आम लकड़ी का बना हुआ था लेकन बाद में इसे लाल पत्थर औऱ संगमरमर से बनाय़ा गया। लाल पत्थर और संगमरमर से बना हुआ इसका मौजूदा स्वरूप बेहद आकर्षक है। पत्थरों पर की गई नक्काशी इसको और खूबसूरत बनाती है। मुगल बादशाह शाहजहां ने इसे वर्तमान रूप प्रदान किया।