आस्था की नगरी प्रयाग में कल्याणी देवी मंदिर का विशेष महत्व है। यहां मां सती की तीन उंगलियां गिरी थी। पुराणों में भी इस स्थान का मुख्य रूप से उल्लेख मिलता है। यहां हर साल हजारो श्रद्धालू मां कल्याणी के दर्शन के लिए आते हैं। प्रयाग में इससे प्राचीन मां भगवती का कोई स्थान नहीं हैं। पौराणिक कथाओं में कई उपासना स्थलों का उल्लेख मिलता है। इसमें से मां शक्ति के 51 शक्तिपीठों का विशेष महत्व है। इसमें मां कल्याणी देवी शक्तिपीठ का भी उल्लेख है। पौराणिक कथा के अनुसार जब सती ने अपने प्राण त्याग दिए थे। तब भगवान शिव क्रोधवश तांडव नृत्य करने लगे थे। ऐसी स्थिति में भगवान शिव के क्रोध को शांत करने के लिए श्री नारायण ने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर को काट दिया था। जिसके बाद मां सती के शरीर के टूकडे़ 51 जगहों पर गिरे थे। उन 51 जगहों को शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है। उन 51 शक्तिपीठों में इलाहाबाद स्थिति कल्याणी देवी शक्तिपीठ का भी जिक्र किया गया है। ऐसी मान्यता है कि इलाहाबाद में मां सती की उंगलियां गिरी थी।
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