
GenZ Protest in Nepal (Photo - ANI)
Nepal Gen Z Protests: नेपाल की राजनीति एक कारोबार बन गई थी। घोटाले, लूट, रिश्वत और सरकारी फंड का दुरुपयोग आम बात हो गई थी। नेताओं की संतानें विदेशों में महंगी प्रॉपर्टी खरीद रहीं थीं, जबकि देश के अंदर बच्चे शिक्षा और रोजगार के लिए बहुत तरस रहे थे। देश में अराजकता (nepal protests) के इन हालात का जब सोशल मीडिया पर खुलासा हुआ, तो सरकार ने इन प्लेटफॉर्म्स (nepal protests hindi) पर ही रोक लगा दी। ऐसे में जनता की आवाज दबाने के कारण उनका गुस्सा उफन गया, यह तो होना ही था। नेपाल में बीते दिनों जो कुछ हुआ, वह सिर्फ एक राजनीतिक हलचल नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना का विस्फोट था। इस पूरे घटनाक्रम को नेपाल के रौतहट जिले के गौर निवासी एक युवा साहित्यकार छात्र अल्ताफ फरेफ्ता (Altaf Farefta) ने सीधे नेपाल से अपने अनुभव शेयर किए। उन्होंने संपर्क करने पर पत्रिका के सामने न सिर्फ सच्चाई बयान की, बल्कि इस पूरे आंदोलन की ज़मीनी हकीकत को भी उजागर किया है।
नेपाल के युवा साहित्यकार छात्र अल्ताफ फरेफ्ता। फोटो: पत्रिका
उन्होंने बताया, Gen Z यानी "जेन ज़ेड" नामक यह आंदोलन युवाओं की एक ऐसी पहल है, जिसका मकसद है देश में बढ़ते भ्रष्टाचार, आर्थिक दुर्दशा, नेताओं की मनमानी और सामाजिक अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाना है। युवा साहित्यकार के अनुसार यह आंदोलन अचानक नहीं हुआ, बल्कि यह वर्षों से भीतर ही भीतर सुलग रहा था। जब नेताओं ने देश के पैसे से अपनी संतानों के लिए विदेशों में ऐशोआराम की ज़िंदगी बसाई और आम जनता गरीबी व बेरोज़गारी से जूझती रही—तो युवाओं के सब्र का बांध टूट गया।
साहित्यकार ने कहा कि युवाओं के गुस्से की आग तब भड़क उठी जब उनकी आवाज़ को दबाने की कोशिश की गई। सोशल मीडिया बंद किया गया, ताकि घोटालों पर परदा डाला जा सके। लेकिन इससे उल्टा असर हुआ। लोग सड़कों पर उतर आए और ZNZ आंदोलन शुरू हो गया। युवा साहित्यकार कहते हैं, "अब जनता चुप नहीं है। अब हर बात का जवाब मांगा जा रहा है।"
लेखक ने यह भी साफ किया कि आंदोलन के दौरान जनता को कोई नुकसान नहीं हुआ। चाहे भारतीय नागरिक हों या नेपाली, सभी सुरक्षित और संतुष्ट हैं। वे खुश हैं कि भ्रष्टाचार पर लगाम लगी है, न्याय की स्थापना हुई है और जल्द ही स्थायी सरकार बनेगी।
ये हालात बताने वाले युवा नेपाल के रौतहट जिले के गौर से हैं। उन्होंने आलिमियत (इस्लामी अध्ययन) की शिक्षा पूरी की है और वर्तमान में स्नातक (बैचलर) की पढ़ाई कर रहे हैं। लेखन और समाज की सच्चाई को उजागर करने में उनकी गहरी रुचि है। उन्होंने अपने अनुभव और ज़मीनी हकीकत को बहुत ही सहज और स्पष्ट शब्दों में साझा की है, जो किसी भी बड़े पत्रकार या लेखक से कम नहीं है।
बहरहाल यह आंदोलन सिर्फ राजनीतिक विरोध नहीं, बल्कि एक सामाजिक क्रांति है, जिसे एक युवा साहित्यकार ने जीवंत बताया। उनका संदेश साफ है-अगर जनता जागरूक हो जाए, तो कोई भी नेता देश का शोषण नहीं कर सकता।
Published on:
10 Sept 2025 03:56 pm
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