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“भारत-पाकिस्तान पर हर दिन रहती है अमेरिका की नज़र” – मार्को रुबियो

India-Pakistan Conflict: भारत और पाकिस्तान की स्थिति पर अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने बड़ा बयान दिया है। क्या कहा रुबियो ने? आइए जानते हैं।

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भारत

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Tanay Mishra

Aug 18, 2025

Marco Rubio

मार्को रुबियो (फोटो - वॉशिंगटन पोस्ट)

भारत (India) और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच पिछले कुछ महीने में बढ़ा तनाव जगजाहिर है। पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terrorist Attack) को अंजाम देने के बाद भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' (Operation Sindoor) को अंजाम देते हुए पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पाकिस्तान ने सीज़फायर की गुहार लगाई जिसे भारत ने मान लिया, लेकिन यह भी साफ कर दिया कि इस तरह के किसी भी हमले का करारा जवाब दिया जाएगा। भारत और पाकिस्तान के बीच इस सीज़फायर का अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने कई बार क्रेडिट लेने की कोशिश की है, लेकिन भारत की तरफ से इसे नकारा जा चुका है।

"भारत-पाकिस्तान पर हर दिन रहती है अमेरिका की नज़र"

अमेरिका (United States Of America) के विदेश मंत्री मार्को रुबियो (Marco Rubio) ने रविवार को भारत और पाकिस्तान के बीच की स्थिति पर बात करते हुए कहा कि अमेरिका इन दोनों देशों के बीच की स्थिति पर हर दिन नज़र रखता है। रुबियो ने इस बात पर जोर दिया कि सीज़फायर को बनाए रखना एक चुनौतीपूर्ण काम है और किन्हीं भी दो देशों में यह आसानी से टूट सकता है। रुबियो के अनुसार इसी वजह से अमेरिका निरंतर दोनों देशों के बीच की स्थिति पर नज़र रखता है।

भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' में पाकिस्तान को हुआ था बड़ा नुकसान

भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' में पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकाने तबाह हो गए और सैकड़ों आतंकी मारे गए। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी भारत के कई शहरों पर ड्रोन्स और मिसाइल दागीं, लेकिन भारत ने पाकिस्तान के मंसूबों को नाकाम कर दिया और 'ऑपरेशन सिंदूर' जारी रखते हुए पाकिस्तान के कई एयरबेसों को नुकसान पहुंचाया और 155 सैनिकों को भी मार गिराया।

सीज़फायर में किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं

ट्रंप ने शांति के नोबेल पुरस्कार के अपने दावे को मज़बूत करने के लिए कई बार भारत और पाकिस्तान के बीच सीज़फायर का क्रेडिट लेने की कोशिश की। हालांकि भारत की तरफ से भी कई बार यह साफ कर दिया गया कि किसी भी तीसरे पक्ष ने सीज़फायर में कोई भूमिका नहीं निभाई। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने तो ट्रंप से फोन कॉल के दौरान ही उन्हें कह दिया था कि सीज़फायर के विषय में अमेरिका या अन्य किसी तीसरे पक्ष से उनकी कोई बातचीत नहीं हुई और आपसी सहमति से ही भारत-पाकिस्तान के बीच सीज़फायर संभव हुआ, क्योंकि पाकिस्तान समझ गया था कि वो भारत के खिलाफ ज़्यादा समय तक जंग नहीं लड़ सकता।

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