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India-Pak: भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच जोधपुर के चौराहों पर क्या चल रही चर्चा? इस तरह की बातें कर रहे लोग

Jodhpur Updates: भीतरी शहर की नुक्कड़ों पर यही चर्चा है कि 'जोधपुर माथै बम भी पड़ जावै तो की कौनी हुवै।' नुक्कड़ों पर बैठे बुजुर्ग बताते हैं कि पाकिस्तान भले ही कुछ भी कर ले, लेकिन जोधपुर का कुछ नहीं बिगड़ सकता।

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जोधपुर शहर के एक नुक्कड़ पर भारत-पाकिस्तान तनाव पर चर्चा करते लोग।

Jodhpur Updates:जोधपुर । बॉर्डर पर भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव को लेकर जिले में हलचल तेज हो गई है। शहर के हर नुक्कड़-चौराहे पर सुबह से शाम और शाम से रात तक सिर्फ हमले की बातें हो रही हैं।

शहर में लोगों को इस बात का विश्वास है कि जोधपुर किले में बैठी चामुंडा माता शहरवासियों की रक्षा करेंगी। शहरवासियों को भरोसा है कि जिस तरह से 1971 में जब बम गिरे तो जोधपुर का कुछ नहीं हुआ था, उस समय भी चामुंडा माता ने रक्षा की थी। इस बार भी कुछ होगा तो मां हमारी रक्षा करेंगी।

पाकिस्तान कुछ भी कर ले…

भीतरी शहर की नुक्कड़ों पर यही चर्चा है कि 'जोधपुर माथै बम भी पड़ जावै तो की कौनी हुवै।' नुक्कड़ों पर बैठे बुजुर्ग बताते हैं कि पाकिस्तान भले ही कुछ भी कर ले, लेकिन जोधपुर का कुछ नहीं बिगड़ सकता। उन्होंने बताया कि पहली बात तो यह है कि पाकिस्तान के फाइटर प्लेन जोधपुर आ नहीं सकते। हमारा किला इतनी ऊंचाई पर है कि प्लेन यहां तक पहुंच ही नहीं सकते। इसलिए जोधपुर पूरी तरह से सुरक्षित है।

मां चामुंडा और मंडलनाथ की कृपा

इस दौरान मनीष हर्ष नाम के शख्स ने कहा कि हमारा तो भरोसा ही मां चामुंडा और मंडलनाथ महादेव हैं। पहले हुए हमले भी जोधपुर का कुछ नहीं बिगाड़ सके। अब भी जोधपुर में कुछ नहीं होगा। यह हमारा विश्वास है। रमेश व्यास बोले- इस वक्त प्रशासन की गाइडलाइन हमारे लिए महत्वपूर्ण है। हमें उसकी पालना करनी चाहिए। साथ ही ब्लैकआउट की गाइडलाइन भी हर शहरवासी को फॉलो करना चाहिए। थोड़े दिन लाइट नहीं जलाएंगे तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

महिलाओं में 'सिंदूर' की चर्चा

सोजतियां घाचियों का बास में महादेव मंदिर में मौजूद महिलाएं 'ऑपरेशन सिंदूर' के बारे में चर्चा करती दिखीं। महिलाओं ने जल्द सब जगह शांति का वातावरण होने की उम्मीद भी जताई। मंदिर में मौजूद कौशल्या पुंगलिया ने बताया कि बॉर्डर पर सैनिक अपनी भूमिका निभा रहे हैं। अब शहर में शांति बनाए रखने और पुलिस प्रशासन को सहयोग करने की बारी शहरवासियों की है।

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प्रशासन के निर्देशों के पालन की बात

महिलाओं ने कहा कि प्रशासन की तरफ से मिल निर्देशों को सभी शहरवासी मान रहे हैं। कल्पना माहेश्वरी बोलीं- भारतीय सेना के रहते देश के किसी नागरिक को परेशान होने की जरूरत नहीं है। शहर में आने वाली हर परेशानी का सामना करने के लिए सब एकजुट हैं।

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