29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

OMG: शिक्षण संस्थान में इस तरह हो रहा मासूमों की जान से खिलवाड़ ?

कब्जे की जमीन ( Possession Land ) पर चल रहा स्कूल ( School ), खतरे ( Danger ) में छात्रों की जान ( Life ), अधिकारियों की मिलीभगत से समृद्धि शिक्षण संस्थान ( Samriddhi Educational Institute ) ने कराया दो मंजिला अवैध निर्माण ( Illegal Construction ), भूखंड पर अतिक्रमण से म्हाडा ( Mhada ) को करोड़ों का नुकसान ( Loss ), कई बार की गईं शिकायतें ( Complaints ), अधिकारी नहीं देते ध्यान ( Care )

3 min read
Google source verification
OMG: शिक्षण संस्थान में इस तरह हो रहा मासूमों की जान से खिलवाड़ ?

OMG: शिक्षण संस्थान में इस तरह हो रहा मासूमों की जान से खिलवाड़ ?

रोहित के. तिवारी
मुंबई. महानगर में म्हाडा की जमीन पर कब्जे और अवैध निर्माण का एक और मामला उजागर हुआ है। विक्रोली पूर्व के टैगोर नगर में अधिकारियों की मिलीभगत से म्हाडा की जमीन पर कब्जा व अवैध निर्माण कर समृद्धि विद्यालय चलाया जा रहा है। यहां म्हाडा की हजारों वर्ग फीट जमीन पर कब्जा कर स्कूल और क्लासेज चलाए जा रहे हैं। इससे न सिर्फ म्हाडा को करोड़ों का नुकसान हो रहा है, बल्कि यहां पढ़ाई करने वाले सैकड़ों छात्रों की जान पर भी जोखिम है। अफसोस यह कि शिकायत के बावजूद म्हाडा अधिकारी इस पर ध्यान नहीं देते हैं।

टेनेंट्स अब घर बैठे करें भुगतान, Mhada की मुंबईकरों के लिए दो सेवाएं...

म्हाडा जमीन पर अवैध स्कूल-कॉलेज, बच्चों की जान से खिलवाड़ क्यों? वीडियो देखें

स्कूल में मैदान तक नहीं
टैगोर नगर में ग्रुप नंबर 3, सीटीएस नंबर 184/149 म्हाडा की जमीन है। इसी भूखंड पर कब्जा कर 8 से 10 वर्ग फीट का अवैध दो मंजिला निर्माण किया गया है। फर्जी दस्तावेज के सहारे समृद्धि शिक्षण संस्थान के नाम रजिस्ट्रेशन कर यहां पर 5वीं से 10वीं तक स्कूल चलाया जा रहा है। खास यह कि दो मंजिला निर्माण के लिए न तो बीएमसी की मंजूरी ली गई है और न ही कोई प्लान पास कराया गया है। स्कूल में बच्चों को खेलने के लिए मैदान तक नहीं है।

ओह माई गॉड: विक्रोली में हजारों मरीजों की जिंदगी से हो रहा खिलवाड़?

OMG: इंसान बन रहा हैवान, चंद रुपयों के लिए खतरे में हजारों मासूमों की जिंदगी?

मोटी कमाई, म्हाडा को नहीं मिल रही एक पाई
सांस्कृतिक और सामाजिक संस्थाओं के नाम पर इन अवैध कब्जों के जिम्मेदार म्हाडा अधिकारी हैं। सन 1962 से 1971 के बीच विक्रोली पूर्व स्थित म्हाडा की जमीन पर 225 से 250 वर्ग फीट के ट्रांजिट घर बनाए गए थे। इसके बाद लोग म्हाडा की जमीन पर कब्जा कर अवैध निर्माण कर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। समृद्धि शिक्षण संस्थान में बच्चों का नाम नहीं लिखाने की हिदायत बीएमसी हर साल देती है। लेकिन, म्हाडा की जमीन खाली कराने या अवैध निर्माण तोडऩे की कोई पहल नहीं की जा रही। इससे भू-माफिया और अवैध स्कूल-कॉलेज चलाने वालों के हौसले बुलंद हैं।

डी-कंपनी के इशारे पर हुए अवैध निर्माण

बिल्डर धड़ल्ले से कर रहा अवैध निर्माण कार्य, करोड़ों में बेचे जा रहे फ्लैट

जल्द करेंगे कार्रवाई
समृद्धि शिक्षण संस्थान के अवैध निर्माण बाबत कई शिकायतें हमें मिली हैं। लेकिन, सिर्फ अग्नि सुरक्षा एनओसी हमसे संबंधित है। हम जल्द ही मिली शिकायत के अनुसार संबंधित अवैध शिक्षण संस्थान की जांच करेंगे और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई करेंगे।
संतोष धोंडे, मनपा सहायक आयुक्त, एस वार्ड

ओह माई गॉड: करोड़ों बकाए के बावजूद म्हाडा मुंबई उदार, आखिर क्यों ?

घोटाला: आवास विकास मंत्री के आदेश पर कार्रवाई नहीं

जारी किए गए दिशा-निर्देश
हमें विक्रोली में हुए अवैध निर्माण व शिक्षण संस्थानों के बारे में जानकारी मिली है। हम इसकी जांच करते हुए जल्द ही ठोस कदम उठाएंगे। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
दिलीप गर्जे, उप-मुख्य अभियंता, कुर्ला विभाग म्हाडा

मोतीलाल नगर में एसआरए परियोजना, म्हाडा ने इसलिए बनाई योजना?

MHADA : तेजी पर रहेगा 3.84 लाख घरों का निर्माण कार्य

उचित कार्रवाई होगी
हमने अभी हाल में ही पदभार संभाला है। जो शिकायतें मिली हैं, हम उन पर गौर करेंगे। मामले की जांच कर जल्द ही उचित कार्रवाई करेंगे। इस तरह के मामलों में बारीकी से जांच की आवश्यकता होती है।
बी. राधाकृष्णन, सीओ, म्हाडा मुंबई बोर्ड

अब सभी का होगा अपना घर, म्हाडा की यह है रणनीति

अवैध निर्माण पर चला हथौड़ा

ताकि न हो पुनरावृत्ति
म्हाडा की जमीन पर अवैध कब्जे की जांच हमने कराई है। जल्द ही ऐसे अवैध निर्माण को गिराया जाएगा, ताकि गुजरात के सूरत जैसी दर्दनाक घटना की पुनरावृत्ति मुंबई में न हो सके।

उदय सामंत, अध्यक्ष, म्हाडा

14 मौतों का जिम्मेदार कौन? बीएमसी-म्हाडा ने झाड़ा पल्ला

कन्नामवार नगर की 11 इमारतों का होगा पुनर्विकास