
PATRIKA IMPACT: हजारों करोड़ के ओशिवारा जमीन घोटाले पर तत्काल कार्रवाई?
रोहित के. तिवारी
मुंबई. महाराष्ट्र हाउसिंग एंड रीजनल डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) मुंबई बोर्ड के स्वामित्व वाले ओशिवारा में भूखंड के दुरुपयोग का खुलासा हुआ है। इसके लिए अब म्हाडा के वाईस प्रेसिडेंट मिलिंद म्हेस्कर ने जहां इस मामले को गंभीर करार दिया है तो वहीं 2 हजार करोड़ से भी ज्यादा करोड़ का नुकसान पहुंचाने वाले बिल्डर समेत अधिकारियों पर त्वरित कार्रवाई का आदेश दिया है। साथ ही म्हाडा अध्यक्ष उदय सामंत ने भी पेचीदे और फर्जीवाड़े के इस गंभीर मामले पर कहा है कि रहिवासियों के साथ न्याय होगा, जबकि अवैध और आलीशान बिल्डिंग पर कार्रवाई होगी। मुंबई के पॉश इलाके ओशिवारा में 9500 वर्ग मीटर पर बिल्डर और म्हाडा अधिकारियों की मिलीभगत के चलते फर्जी दस्तावेजों की बदौलत बोगस सदस्यों के मरकरी और मिलेनियम कोर्ट को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी के नाम पर भारी-भरकम प्लॉट की बिक्री में लगभग 2 हजार करोड़ रुपये का वित्तीय नुकसान म्हाडा को हुआ है। खास बात तो यह है कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश के बावजूद कार्रवाई से सिर्फ बचा जा रहा है। 'पत्रिका' के पास उपलब्ध कागजात के आधार इस फर्जीवाड़े के बड़े घोटाले में म्हाडा से लेकर मंत्रालय तक के संबंधित अधिकारियों की कुर्सियां खटाई में पड़ती नजर आ रही हैं।
बोगस पॉवर ऑफ अटार्नी पर हड़पी जमीन...
विदित हो कि शाहिद खान बिल्डर की ओर से ओशिवारा के सर्वे नंबर 33 का हिस्सा नंबर 8 के अलावा भी अवैध कागजात और बोगस पॉवर ऑफ अटार्नी की दम पर सीटीएस नंबर 9, 33/10, सीटीएस नंबर 13 और 15 समेत कुल 9500 वर्ग मीटर जमीन हड़पी गई। अब वहां मर्करी एवं मिलेनियम की ओर से ए व बी विंग में दो गगनचुम्बी इमारतों का निर्माण भी बिल्डर और म्हाडा अधिकारियों की साठगांठ से धड़ल्ले से करा दिया गया। म्हाडा के अधिकारीयों ने ही प्राधिकरण को 2 हजार करोड़ से भी ज्यादा रुपये का वित्तीय नुकसान पहुंचाने का काम किया है। हैरत की बात तो यह है कि इस पूरे प्रकरण में जहां बॉम्बे हाई कोर्ट ने भूखंड के वरिसदार झुबेर इब्राहिम, हुमायून अब्दुल रजाक, मसूद अब्दुल रजाक समेत मालिकाना हक रखने वाले कुल 21 लोगों के पक्ष में फैसला सुनाया है। वहीं संबंधित विभाग के मंत्री के अलावा म्हाडा प्राधिकरण के अध्यक्ष की ओर से भी इस गंभीर मामले में जांच के आदेश दिए जा चुके हैं। फिर भी घोटाले में लिप्त अधिकारी के ऊपर अभी तक एफआईआर दर्ज करने की बात तो दूर, अब तक इस प्रकरण में कोई संतोषजनक छानबीन तक शुरू नहीं हो सकी।
इंक्वायरी के बीच पार्ट ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट...
बहरहाल, इस हजारों करोड़ के घोटाले को उजागर करने वाले गामा इंटरप्राइजेज के अभिजीत शेट्टी के अलावा मूल रहिवासियों ने आरोप लगाया है कि इतने गंभीर मामले की इंक्वायरी के बीच ही म्हाडा मुंबई बोर्ड के निवासी कार्यकारी अभियंता भूषण देसाई, बांद्रा डिवीजन के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर कमलाकर सुरवने और म्हाडा स्पेशल प्लानिंग अथॉरिटी के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर सेठ ने 26 जून 2019 को मिलेनियम को ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी के नाम पर पार्ट ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया। जबकि म्हाडा अध्यक्ष ने पहले ही आगाह किया था कि इस विवादित मामले पर कोई भी ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट या पजेशन नहीं दिया जाना चाहिए।
संबंधित लोगों पर होगा एक्शन...
संबंधित अधिकारियों को मामले की जांच करने और तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। मामला गंभीर है और अदालत ने इसका आदेश भी दिया है। इसलिए दस्तावेज का सत्यापन कर संबंधित लोगों और अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। इस गंभीर मामले पर त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित लोगों पर एक्शन लिया जाएगा।
- मिलिंद म्हेस्कर, वाइज प्रेसिडेंट (आईएएस), म्हाडा मुख्यालय
रहिवासियों को मिलेगा न्याय...
यह बेहद पेचीदा मामला है। इसकी म्हाडा की ओर से जांच प्रक्रिया जारी है और गंभीर मामले में संलिप्त लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, जबकि वर्षों से दर-दर भटकने को मजबूर मूल रहिवासियों को हर तरह से न्याय मिलकर रहेगा। दोषियों को किसी भी तरह से बख्शा नहीं जाएगा।
- उदय सामंत, अध्यक्ष, म्हाडा
Updated on:
12 Oct 2019 04:13 pm
Published on:
12 Oct 2019 03:12 pm
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