
Potential nuclear war between India and Pakistan
पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terrorist Attack) के बाद भारत (India) ने पाकिस्तान (Pakistan) को सबक सिखाने के लिए 'ऑपरेशन सिंदूर' (Operation Sindoor) को सफलतापूर्वक अंजाम दिया, जिसमें 100 से ज़्यादा आतंकियों की मौत हुई और कई आतंकी ठिकाने भी तबाह हो गए। भारत की एयरस्ट्राइक्स में पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को भी काफी नुकसान पहुंचा। पाकिस्तान ने भी भारत के कई शहरों पर ड्रोन्स और मिसाइलों से हमला किया, लेकिन उसकी कोशिश नाकाम हो गई, क्योंकि भारत ने पाकिस्तान ने सभी ड्रोन्स और मिसाइलों को मार गिराया। पाकिस्तान को कुछ दिन में ही समझ आ गया कि भारत के खिलाफ उसे कामयाबी नहीं मिलेगी, तो उसने सीज़फायर की गुहार लगाई, जिसके बाद दोनों देशों के बीच युद्ध रुक गया। भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाने के लिए अमेरिका (United States Of America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) कई बार झूठा क्रेडिट ले चुके हैं और एक बार फिर उन्होंने ऐसा ही किया।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान युद्ध रुकवाने का झूठा क्रेडिट लिया है। पत्रकारों से बातचीत करते हुए ट्रंप ने कहा, "हम कई युद्धों को रोकने में सफल रहे हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच जिस तरह से युद्ध चल रहा था, उससे तो एक हफ्ते में ही दोनों देशों के बीच परमाणु युद्ध छिड़ जाता। हालांकि ऐसा हुआ नहीं और मेरी वजह से यह युद्ध रुक गया। हमने ट्रेड डील के ज़रिए ऐसा किया। मैंने दोनों देशों से कहा कि जब तक आप इस मामले को सुलझा नहीं लेते, हम आपके साथ व्यापार के बारे में बात नहीं करेंगे। और उन्होंने युद्ध रोकने का फैसला लिया।"
भारत की तरफ से कई मौकों पर यह साफ किया जा चुका है कि पाकिस्तान से युद्ध को रोकने में किसी भी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं रही। पाकिस्तान की गुहार के बाद दोनों देशों ने आपसी सहमति से युद्ध को आगे न बढ़ाने का फैसला लिया। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने G7 शिखर सम्मेलन के दौरान ट्रंप से फोन पर बातचीत के दौरान भी उन्हें बताया था कि सीज़फायर पर उनकी और ट्रंप की कोई बातचीत नहीं हुई थी और न ही ट्रेड डील का इस विषय में ज़िक्र हुआ था। ऐसे में मन में सवाल आना स्वाभाविक है कि आखिर क्यों ट्रंप लगातार भारत-पाकिस्तान युद्ध रुकवाने का झूठा क्रेडिट ले रहे हैं?
एक्सपर्ट्स के अनुसार ट्रंप शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए ऐसा कर रहे हैं। वह खुद कई बार इस बात की इच्छा जता चुके हैं कि भारत-पाकिस्तान युद्ध, इज़रायल-ईरान युद्ध समेत अन्य कुछ जंगों को रुकवाने के लिए उन्हें शांति का नोबेल पुरस्कार देना चाहिए। पाकिस्तान की तरफ से भी ट्रंप को शांति का नोबेल पुरस्कार देने की गुज़ारिश की गई है। इज़रायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू भी ट्रंप को शांति का नोबेल पुरस्कार देने का समर्थन कर चुके हैं।
Updated on:
15 Jul 2025 10:54 am
Published on:
15 Jul 2025 10:51 am
बड़ी खबरें
View Allविदेश
ट्रेंडिंग
