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कौन हैं सुशीला कार्की, जो संभाल सकती हैं नेपाल की कमान, जानें भारत से कनेक्शन

सुशीला कार्की का भारत से भी कनेक्शन रहा हैं। कार्की ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में मास्टर्स किया है। 1979 में उन्होंने वकालात में अपने करियर की शुरुआत की थी।

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भारत

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Ashib Khan

Sep 10, 2025

नेपाल की शीला कार्की अंतरिम प्रधानमंत्री बन सकती हैं (Photo-X)

Nepal Gen-Z Protest: नेपाल में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बैन लगाने के बाद Gen-Z ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया। इसके बाद पीएम केपी ओली और पूरे कैबिनेट ने इस्तीफा दे दिया। प्रदर्शनकारियों ने कई मंत्रियों के घरों में आग लगा दी। हालांकि अब धीरे-धीरे हालात काबू में होते जा रहे हैं। केपी ओली और पूरी कैबिनेट के इस्तीफा देने के बाद अब अंतरिम कार्यकारिणी की गठन की बात होना शुरू हो गया है। Gen-Z प्रदर्शनकारी पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते है।

कौन हैं सुशीला कार्की

सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला प्रधान न्यायाधीश हैं। उनके पति दुर्गा प्रसाद सुबेदी नेपाली कांग्रेस में युवा विंग के नेता थे, लेकिन पार्टी संबद्धता के लिहाज से वह गैर-राजनीतिक रहीं। सुशीला कार्की की छवि भ्रष्टाचार को बर्दाश्त करने वालों में नहीं है। दरअसल, 2017 में सुशीला कार्की पर कार्यपालिका में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाते हुए महाभियोग लाया गया था। इसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था।

भारत से कनेक्शन

सुशीला कार्की का भारत से भी कनेक्शन रहा हैं। कार्की ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में मास्टर्स किया है। 1979 में उन्होंने वकालात में अपने करियर की शुरुआत की थी, इसके बाद 11 जुलाई 2016 से 6 जून 2017 तक नेपाल की मुख्य न्यायाधीश भी रहीं थीं।

Gen-Z की मीटिंग में नाम पर लगी मुहर

बता दें कि बुधवार सुबह जेन-जेड मूवमेंट की एक वर्चुअल मीटिंग में सुशीला कार्की के नाम पर मुहर लगी। विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व करने वाले युवाओं के समूह ने नेपाल को मौजूदा संकट से उबारने के लिए कार्की का समर्थन करने का फैसला किया।

भूमिका के लिए तैयार-सुशीला कार्की

मीडिया से बात करते हुए सुशीला कार्की ने कहा कि वे इस भूमिका के लिए तैयार हैं। जनरेशन-जेड समूह ने नेपाल में हाल ही में हुए आंदोलन का नेतृत्व किया था और उन्हें भरोसा है कि वह कुछ समय के लिए सरकार का नेतृत्व करेंगी। उन्होंने कहा कि उनकी तात्कालिक प्राथमिकता विरोध प्रदर्शनों के दौरान जान गंवाने वालों के परिवारों को सम्मान और सहायता प्रदान करना होगी। 

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