
Shani Ki Dhaiya 2025 Singh Rashi: शनि की ढैया 2025 सिंह राशि
Shani Rashi Parivartan: कर्मफल देवता शनि सभी नवग्रहों में सबसे धमी गति से चलने वाले हैं। इन्हें एक राशि से दूसरी राशि में जाने में ढाई साल लगते हैं। इसी कारण शनि की वजह से जीवन में बदलाव भी लंबे समय तक प्रभावित करता है, फिर चाह वह नकारात्मक प्रभाव हो या सकारात्मक।
शनि राशि परिवर्तन के साथ ही शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या में भी बदलाव आता है। मार्च में हो रहे शनि गोचर 2025 से भी राशि चक्र की 2 राशियों सिंह और धनु पर शनि की ढैय्या (shani dhaiya 2025) शुरू हो जाएगी। शनि की ढैय्या किसी राशि पर तब शुरू होता है जब शनि चंद्र राशि से चौथे या आठवें भाव में गोचर करता है। यह स्थिति साढ़ेसाती से कम कठोर होती है, लेकिन जीवन में कई उतार चढ़ाव लाती है।
साथ ही यह ढाई साल की होती है। हालांकि शनि को न्यायप्रिय ग्रह माना जाता है। मान्यता है कि यह व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार ही फल देता है। यदि शनि की ढैया की अवधि में व्यक्ति धैर्यपूर्वक सही निर्णय लेता है और मेहनत करता है तो उसे आत्म-सुधार और सीखने का भी अवसर मिलता है। आइये जानते हैं शनि की ढैय्या का सिंह और धनु राशि पर क्या असर पड़ेगा।
धनु राशि पर शनि की ढैय्या की बात करें तो शनि गोचर धनु राशि के चौथे भाव में हो रहा है। चतुर्थ भाव से व्यक्ति का पारिवारिक सुख, माता, संपत्ति, वाहन और मानसिक शांति जुड़ी होती है। जब इस भाव में शनि प्रवेश करते हैं तो जीवन में कई प्रकार की चुनौतियां सामने आती हैं। इस दौरान धनु राशि के लोगों को विशेष रूप से करियर, आर्थिक स्थिति और पारिवारिक जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
इस अवधि में धनु राशि वालों को कार्यस्थल पर अस्थिरता महसूस हो सकती है। नौकरी में बदलाव की स्थिति बन सकती है, लेकिन यह बदलाव आपके पक्ष में नहीं होता। धनु राशि के व्यवसायियों को इस अवधि में सतर्क रहने की जरूरत होती है, क्योंकि इस समय बड़े लाभ मिलना मुश्किल है। आर्थिक रूप से यह समय चुनौतीपूर्ण रहेगा। धन हानि की आशंका अधिक रहेगी।
शनि की ढैय्या के कारण धनु राशि वालों के पारिवारिक जीवन में भी परेशानियां आ सकती हैं। घर में किसी न किसी बात को लेकर मनमुटाव बढ़ सकता है। परिवार के सदस्यों के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए अगले ढाई साल आपको धैर्य रखना होगा। स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह समय चुनौतीपूर्ण ही रहेगा। मानसिक तनाव और चिंता बनी रहेगी, इससे राहत के लिए नियमित ध्यान और योग लाभदायक रहेगा।
ये भी पढ़ेंः
शनि की ढैय्या सिंह राशि वालों के विवाह, साझेदारी, रिश्तों और सामाजिक जीवन से जुड़े भाव को प्रभावित करेगी। शनि की ढैया के कारण सिंह राशि के व्यक्ति के व्यक्तिगत और व्यावसायिक संबंधों में उतार-चढ़ाव आ सकता है। कई बार ऐसा भी महसूस हो सकता है कि जिन लोगों पर आप भरोसा कर रहे थे, वे ही आपके खिलाफ हो गए हैं।
कार्यस्थल पर भी सिंह राशि वालों को विशेष सतर्कता बरतनी होगी। इस अवधि में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अनबन हो सकती है। इस समय वाणी और व्यवहार पर नियंत्रण रखना जरूरी होगा। यदि आप व्यापार कर रहे हैं तो लंबी अवधि के लक्ष्यों पर ध्यान दें वर्ना आर्थिक नुकसान हो सकता है।
शनि की ढैया सिंह राशि वालों के सेहत पर भी दुष्प्रभाव डालेगी। इस समय सिंह राशि वालों को खान-पान पर ध्यान रखना होगा और नियमित व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करना लाभदायक होगा। क्योंकि इस समय मानसिक तनाव आपको परेशान कर सकती है, आपको नींद संबंधित परेशानी हो सकती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि की ढैया जीवन में कई प्रकार के उतार-चढ़ाव और संघर्ष लेकर आती है। इस दौरान व्यक्ति को मानसिक तनाव, आर्थिक अस्थिरता, पारिवारिक समस्या, स्वास्थ्य संबंधी परेशानी और करियर में रूकावट का सामना करना पड़ता है।
लेकिन ज्योतिष में शनि की ढैया के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए कुछ खास शनि ढैया उपाय बताए गए हैं, इससे आप ग्रह गोचर के दुष्प्रभाव को कम कर सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस अवधि में शनि को शांत करने के लिए नियमित रूप से अच्छे कर्म करना, जरूरतमंदों की सहायता करना और धार्मिक कार्यों में रूचि लेना लाभ देता है। इसके अलावा आइये जानते हैं शनि की ढैया के उपाय
ये भी पढ़ेंः
1.शनि की ढैया की अवधि में शनिदेव की कृपा पाने के लिए सबसे प्रभावी उपाय मंत्र जाप करना है। यदि आप शनि के नकारात्मक प्रभाव से छुटकारा पाना चाहते हैं तो ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्, उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।। इस महामृत्युंजय मंत्र का प्रतिदिन जाप करें।
2. शनिवार के शनि से जुड़े दान करना भी लाभदायक माना जाता है। इस दिन काले वस्त्र, काली उड़द दाल, सरसों का तेल, लोहे के बर्तन और जूते-चप्पल का दान करने से शनि का दुष्प्रभाव कम होता है।
3. शनि की ढैया की अवधि में पीपल के वृक्ष की पूजा करना भी प्रभावी उपाय माना जाता है। शनिवार की सुबह स्नान करके पीपल के पेड़ को जल अर्पित करें और सात बार उसकी परिक्रमा करें। इसके अलावा सूर्यास्त के बाद किसी सुनसान स्थान पर स्थित पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाएं, इससे लाभ होगा।
4. हनुमान जी की आराधना भी शनि के प्रभाव को कम करने में सहायक होती है। मान्यता है कि इसके लिए हर शनिवार हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए और बंदरों को गुड़-चने खिलाने चाहिए।
5. यदि आप किसी प्रकार की बाधा से परेशान हैं तो शनि की ढैया की अवधि में शनिवार के दिन काले घोड़े की नाल या नाव की कील से बनी अंगूठी बनवाकर मध्यमा अंगुली में पहनें। यह उपाय शनि के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में मदद करता है।
संबंधित विषय:
Published on:
25 Mar 2025 05:26 pm
बड़ी खबरें
View Allधर्म/ज्योतिष
ट्रेंडिंग
