
CM Rekha Gupta
CM Rekha Gupta: दिल्ली विधानसभा में 13 और 14 मई को विशेष सत्र बुलाया गया था। इस सत्र में सीएम रेखा गुप्ता "स्कूली शिक्षा शुल्क निर्धारण एवं विनियमन पारदर्शिता विधेयक" सदन में पेश करने वाली थीं। सरकारी सूत्रों के अनुसार सीएम रेखा गुप्ता ने विधानसभा में इस नए विधेयक को पारित कराने की बात कही थी। यह विधेयक उन निजी स्कूलों पर सख्ती से लगाम लगाने का प्रयास बताया गया। जो अनधिकृत रूप से फीस बढ़ाते हैं। सीएम रेखा गुप्ता ने मसौदा विधेयक में ऐसे स्कूलों पर कठोर जुर्माना लगाने और उनका पंजीकरण निरस्त करने का प्रावधान शामिल किया है। हालांकि इस नए विधेयक के पारित होने से पहले ही दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय सत्र निरस्त कर दिया गया है।
दिल्ली सरकार के सूत्रों की मानें तो इस विधेयक को 29 अप्रैल को दिल्ली मंत्रिमंडल की बैठक में स्वीकृति मिल चुकी है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने घोषणा की थी कि इसे पारित कराने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा। इससे पहले दिल्ली विधानसभा में बजट सत्र का पहला चरण 24 मार्च को शुरू हुआ था। जिसमें मुख्यमंत्री गुप्ता ने अपना पहला बजट प्रस्तुत किया था। इस दौरान सीएम रेखा गुप्ता ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए एक लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया था। जो पिछले साल की तुलना में 31.5 प्रतिशत अधिक है। इस बार भी दिल्ली के लिए सीएम रेखा गुप्ता कुछ घोषणाएं कर सकती हैं।
दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र का दूसरा चरण फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। दिल्ली सचिवालय की ओर से जारी पत्र में बताया गया है कि 13 और 14 मई 2025 को प्रस्तावित बैठकें रद्द कर दी गई हैं। हालांकि, इस स्थगन का कोई औपचारिक कारण पत्र में नहीं बताया गया है। इससे पहले सोमवार को दिल्ली विधानसभा परिसर में एक महत्वपूर्ण पहल की गई। यहां सौर ऊर्जा से चलने वाले पावर प्लांट की आधारशिला रखी गई, जिससे जल्द ही विधानसभा परिसर सूर्य ऊर्जा से संचालित होगा।
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने जानकारी दी कि अगले 45 दिनों के भीतर पूरी असेंबली सौर ऊर्जा से रोशन हो जाएगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में विधानसभा का मासिक बिजली बिल लगभग 15 लाख रुपये आता है, जो सालाना 1.75 करोड़ रुपये तक पहुंचता है। सौर ऊर्जा प्रणाली के शुरू होने के बाद यह राशि बचाई जा सकेगी और इन फंड्स का उपयोग दिल्ली के विकास कार्यों में किया जाएगा।
दरअसल, दिल्ली में पिछले एक दशक में कई निजी स्कूलों ने बिना पारदर्शिता और अनुमति के विकास शुल्क, वार्षिक शुल्क और अन्य मदों में फीस बढ़ाई। अभिभावकों और सामाजिक संगठनों की लंबे समय से मांग थी कि इस पर सख्त कानून बने। इसके अलावा हाल के दिनों में डीपीएस द्वारका, सृजन स्कूल, क्वीन मैरी और माउंट कार्मेल स्कूल समेत कई संस्थानों के खिलाफ शिकायतें भी दर्ज हुई हैं। इसके बाद सरकार ने 600 से अधिक स्कूलों का निरीक्षण किया और 11 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया।
अब दिल्ली सरकार 13 मई से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में स्कूल फीस निर्धारण और विनियमन पारदर्शिता विधेयक 2025 पेश करने जा रही है। यह विधेयक निजी स्कूलों की मनमानी फीस बढ़ोतरी पर लगाम लगाएगा। दिल्ली सरकार के सूत्रों की मानें तो इस नए विधेयक में अनधिकृत फीस वृद्धि पर कड़ा जुर्माना और स्कूलों का पंजीकरण निरस्त करने का प्रावधान होगा। इसके अलावा, स्कूल प्रबंधन समितियों में अभिभावकों की भागीदारी और वित्तीय पारदर्शिता भी सुनिश्चित की जाएगी।
दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम 1973 की धारा 17(3) और संबंधित नियमों के अनुसार, कोई भी सहायता प्राप्त स्कूल निदेशक द्वारा निर्धारित शुल्क के अतिरिक्त कोई अन्य शुल्क न तो वसूल सकता है और न ही स्वीकार कर सकता है। यदि किसी सहायता प्राप्त स्कूल की शुल्क संरचना अलग है तो उसे पहले निर्धारित प्राधिकारी से अनुमति प्राप्त करनी अनिवार्य है। इसके साथ ही नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत से पहले हर सहायता प्राप्त स्कूल को अपने नए शुल्क का पूरा ब्योरा स्कूल निदेशक के पास जमा कराना होता है।
बिना निदेशक की स्वीकृति कोई भी स्कूल अपने प्रबंधक के अनुसार तय शुल्क से ज्यादा राशि नहीं ले सकता है। हालांकि अधिनियम में यह स्पष्ट नहीं है कि शिक्षा निदेशक निजी स्कूलों द्वारा जमा किए गए शुल्क विवरण के आधार पर क्या कदम उठा सकते हैं। जब भी विभाग ने निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों की बिना स्वीकृति शुल्क वृद्धि को रोकने की कोशिश की है, तो यह नियम कई बार न्यायिक विवाद का विषय बना है। इसी को देखते हुए सीएम रेखा गुप्ता दिल्ली में नया विधेयक पास कराने की तैयारी में हैं।
दिल्ली विधानसभा में विशेष सत्र को लेकर आम आदमी पार्टी ने अपनी रणनीति बनाई है। आम आदमी पार्टी की कालकाजी विधायक और दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा “दिल्ली विधानसभा में बुलाए गए विशेष सत्र के दौरान आम आदमी पार्टी दो प्रस्ताव पेश करेगी। इसमें पहला जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर निंदा प्रस्ताव और दूसरा भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सराहना प्रस्ताव आम आदमी पार्टी की ओर से पेश किया जाएगा। हम चाहते हैं कि पहलगाम आतंकी हमले की दिल्ली विधानसभा में कड़े शब्दों में निंदा होनी चाहिए। जबकि ऑपरेशन सिंदूर के लिए भारतीय सेना की खुले शब्दों में तारीफ की जानी चाहिए।”
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Updated on:
12 May 2025 02:55 pm
Published on:
12 May 2025 02:32 pm
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