
विदेश मंत्री एस जयशंकर। (फोटो- IANS)
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को दोहा में कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने ऊर्जा, व्यापार, निवेश और लोगों के बीच संपर्क जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।
जयशंकर ने कतर के प्रति भारत के समर्थन और क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता को बढ़ावा देने के उसके प्रयासों पर जोर दिया। जयशंकर ने अमीर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं भी दीं।
जयशंकर ने कतर के विदेश मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी से भी मुलाकात की। दोनों नेताओं ने पश्चिम एशिया के घटनाक्रमों के साथ-साथ व्यापक क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की।
इस मुलाकात के बाद जयशंकर ने एक ट्वीट भी किया। अपने एक्स पोस्ट में उन्होंने लिखा- आज दोहा में कतर के अमीर, महामहिम शेख तमीम बिन हमद अल थानी से मुलाकात करके सम्मानित महसूस किया।
प्रधानमंत्री मोदी का हार्दिक अभिवादन पहुंचाया और भारत-कतर संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। सहयोग बढ़ाने और नए अवसरों की खोज में उनके मार्गदर्शन की सराहना करता हूं।
अपने एक्स पोस्ट में जयशंकर ने आगे लिखा- दोहा में कतर के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जसीम अल-थानी से मिलकर खुशी हुई। ऊर्जा, व्यापार, निवेश और लोगों के बीच आपसी संपर्क सहित हमारी रणनीतिक साझेदारी के प्रमुख पहलुओं की समीक्षा की। मध्य पूर्व/पश्चिम एशिया और क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर विचारों के आदान-प्रदान की सराहना करता हूं।
बता दें कि कतर एक मुस्लिम है। इससे संबंध मजबूत होने से पाकिस्तान और बांग्लादेश को मिर्ची लग सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तान के लिए कतर के साथ भारत के संबंध मजबूत होने से उसकी क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाओं पर प्रभाव पड़ सकता है।
पाकिस्तान कतर को अपना सहयोगी मानता है। ऐसे में, भारत के साथ कतर के संबंध मजबूत होने से पाकिस्तान की क्षेत्रीय स्थिति कमजोर हो सकती है।
वहीं, बांग्लादेश के लिए कतर के साथ भारत के संबंध मजबूत होने से उसकी आर्थिक और रणनीतिक स्थिति पर प्रभाव पड़ सकता है।
बांग्लादेश कतर का एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार है। भारत के साथ कतर के संबंध मजबूत होने से बांग्लादेश की व्यापारिक स्थिति प्रभावित हो सकती है।
Published on:
17 Nov 2025 10:33 am
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