विदित हो कि शाहिद खान बिल्डर की ओर से ओशिवारा के सर्वे नंबर 33 का हिस्सा नंबर 8 के अलावा भी अवैध कागजात और बोगस पॉवर ऑफ अटार्नी की दम पर सीटीएस नंबर 9, 33/10, सीटीएस नंबर 13 और 15 समेत कुल 9500 वर्ग मीटर जमीन हड़पी गई। अब वहां मर्करी एवं मिलेनियम की ओर से ए व बी विंग में दो गगनचुम्बी इमारतों का निर्माण भी बिल्डर और म्हाडा अधिकारियों की साठगांठ से धड़ल्ले से करा दिया गया। म्हाडा के अधिकारीयों ने ही प्राधिकरण को 2 हजार करोड़ से भी ज्यादा रुपये का वित्तीय नुकसान पहुंचाने का काम किया है। हैरत की बात तो यह है कि इस पूरे प्रकरण में जहां बॉम्बे हाई कोर्ट ने भूखंड के वरिसदार झुबेर इब्राहिम, हुमायून अब्दुल रजाक, मसूद अब्दुल रजाक समेत मालिकाना हक रखने वाले कुल 21 लोगों के पक्ष में फैसला सुनाया है। वहीं संबंधित विभाग के मंत्री के अलावा म्हाडा प्राधिकरण के अध्यक्ष की ओर से भी इस गंभीर मामले में जांच के आदेश दिए जा चुके हैं। फिर भी घोटाले में लिप्त अधिकारी के ऊपर अभी तक एफआईआर दर्ज करने की बात तो दूर, अब तक इस प्रकरण में कोई संतोषजनक छानबीन तक शुरू नहीं हो सकी।
बहरहाल, इस हजारों करोड़ के घोटाले को उजागर करने वाले गामा इंटरप्राइजेज के अभिजीत शेट्टी के अलावा मूल रहिवासियों ने आरोप लगाया है कि इतने गंभीर मामले की इंक्वायरी के बीच ही म्हाडा मुंबई बोर्ड के निवासी कार्यकारी अभियंता भूषण देसाई, बांद्रा डिवीजन के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर कमलाकर सुरवने और म्हाडा स्पेशल प्लानिंग अथॉरिटी के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर सेठ ने 26 जून 2019 को मिलेनियम को ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी के नाम पर पार्ट ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया। जबकि म्हाडा अध्यक्ष ने पहले ही आगाह किया था कि इस विवादित मामले पर कोई भी ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट या पजेशन नहीं दिया जाना चाहिए।
संबंधित अधिकारियों को मामले की जांच करने और तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। मामला गंभीर है और अदालत ने इसका आदेश भी दिया है। इसलिए दस्तावेज का सत्यापन कर संबंधित लोगों और अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। इस गंभीर मामले पर त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित लोगों पर एक्शन लिया जाएगा।
– मिलिंद म्हेस्कर, वाइज प्रेसिडेंट (आईएएस), म्हाडा मुख्यालय
यह बेहद पेचीदा मामला है। इसकी म्हाडा की ओर से जांच प्रक्रिया जारी है और गंभीर मामले में संलिप्त लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, जबकि वर्षों से दर-दर भटकने को मजबूर मूल रहिवासियों को हर तरह से न्याय मिलकर रहेगा। दोषियों को किसी भी तरह से बख्शा नहीं जाएगा।
– उदय सामंत, अध्यक्ष, म्हाडा